कोरोनाकाल में 62 सांसद अपने क्षेत्र से गायब रहे, सोनिया 16 तो मुलायम 25 महीने से नहीं पहुंचे, PM मोदी ने 6 माह पहले किया था दौरा

Posted By: Himmat Jaithwar
5/22/2021

कोरोना के इस सेकंड वेब में जब आप ऑक्सीजन, अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और दवाइयों के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे थे, तब आपके जन प्रतिनिधि क्या कर रहे थे? कौन कहां था और संकट की इस घड़ी में आपके लिए किसने क्या किया?

उत्तर प्रदेश के सभी 80 सांसदों की सर्विस रिपोर्ट तैयार की है। मालूम चला कि 62 सांसद ऐसे हैं जो इस कठिन समय में भी अपने क्षेत्र से गायब रहे। इनमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही सांसद शामिल हैं। जिन सांसदों का घर उनके क्षेत्र में है, वो भी इस दौरान काफी कम निकले। हालांकि कुछ सांसदों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अच्छा काम भी किया। 


पिछले साल रायबरेली पहुंची थीं सोनिया, मोदी भी करीब 6 महीने से नहीं गए

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं। चुनाव जीतने के बाद वो 22 जनवरी 2020 को आखिरी बार अपने क्षेत्र पहुंची थीं। तब से 16 महीने हो गए, सोनिया को यहां गए। अब सांसद प्रतिनिधि केएल शर्मा ही उनका पूरा कामकाम देखते हैं। प्रियंका गांधी भी यहां सक्रिय रहती हैं। आखिरी बार वो 30 सितंबर 2020 को रायबरेली पहुंची थीं। इसी तरह मैनपुरी से सांसद और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव आखिरी बार 19 अप्रैल 2019 को अपने संसदीय क्षेत्र मैनपुरी पहुंचे थे। इस दिन वो बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। यानी मुलायम 25 महीने से अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर नहीं गए। भाजपा से वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 6 महीने पहले अपने क्षेत्र का आखिरी बार दौरा किया था। मोदी 30 नवंबर 2020 को आखिरी बार वाराणसी पहुंचे थे। हालांकि इस बीच उन्होंने 7 बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वाराणसी के अफसरों, डॉक्टर्स, कोरोना वॉरियर्स, स्टूडेंट्स और आम लोगों से बातचीत की है। पीएम मोदी का संसदीय कामकाज रिटायर्ड IAS अफसर और MLC एके शर्मा संभाल रहे हैं।

हेमा मालिनी ने वीडियो जारी किया
मथुरा की सांसद और फिल्म एक्ट्रेस हेमा मालिनी कोरोना के दौरान अपने क्षेत्र में काफी कम गई हैं। आखिरी बार यहां 25 मार्च को वह मुरारी बापू की प्रवचन कथा में पहुंची थीं। 28 मार्च तक मथुरा में ही थीं। इसके बाद से वह मथुरा नहीं गई हैं।
मई के पहले हफ्ते में उनके गायब होने का पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। इसके बाद 18 मई को उन्होंने मुंबई से एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने सबके साथ किसानों को वैक्सीनेशन और लॉकडाउन का पालन कराने की सलाह दी।

भाजपा के 16 सांसद संक्रमित हुए, विपक्ष के दो सांसदों को कोरोना हुआ
कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा BJP के 16 सांसद संक्रमित हुए। इनमें से कुछ ठीक होकर वापस अपने क्षेत्र में लोगों के बीच भी पहुंचे। जबकि कुछ कोरोना की डर से घर से नहीं निकल रहे हैं। ऐसे सांसद अपने प्रतिनिधि के जरिए या फोन कॉल के जरिए क्षेत्र का हाल-चाल ले रहे हैं। बरेली, जौनपुर, अम्बेडकरनगर, गोंडा, सुल्तानपुर, झांसी, बलिया, कौशांबी, बाराबंकी, डूमरियागंज, देवरिया, आजमगढ़, मुरादाबाद, कानपुर, बदायूं, मुजफ्फरनगर के सांसद कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। यहां बीजेपी के ही सांसद हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, मुरादाबाद के समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन, बिजनौर से बसपा सांसद भी संक्रमित हो चुके हैं।

5 सांसदों के क्षेत्र में लग चुके हैं लापता होने के पोस्टर
क्षेत्र में न निकल पाने की वजह से 5 संसदीय इलाकों के लोगों ने अपने सांसदों के लापता होने का पोस्टर भी लगा दिया। इनमे सबसे पहला नाम संतकबीर नगर के सांसद प्रवीण निषाद का आता है। प्रवीण निषाद वहीं हैं जिन्होंने 2018 के उपचुनावों में सपा के टिकट पर भाजपा प्रत्याशी को गोरखपुर से हराया था, लेकिन 2019 आते-आते वह भाजपाई हो गए। इसके बाद उन्हें संतकबीर नगर से लोकसभा का टिकट भी दिया गया। प्रवीण निषाद जीत तो गए, लेकिन क्षेत्र से वह गायब हो गए। उनके ही लोकसभा क्षेत्र में उनके लापता के पोस्टर लगा दिए गए।

ऐसा ही कुछ हाल हाथरस, उन्नाव, कौशाम्बी और झांसी का भी है। जबकि मायावती के दो सांसद अमरोहा से कुंवर दानिश अली और बिजनौर से मलूक नागर भी क्षेत्र से गायब ही रहते हैं। इनके लापता होने के पोस्टर भी क्षेत्र में लग चुके हैं। बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर तो मायावती के जन्मदिन 15 जनवरी को ही नजर आए थे। उसके बाद से गायब हैं।



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