AIIMS दिल्ली के आरपी सेंटर फॉर ऑप्थेल्मिक स्टडीज ने बीते बुधवार को अपने कोविड वार्ड में म्यूको माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस का जल्द पता लगाने और उसकी रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी की है।
इस गाइडलाइन में कोविड वार्ड में जोखिम वाले सभी मरीजों की पहचान कर उनकी ब्लैक फंगस की शुरुआती जांच करने को कहा गया है। गाइडलाइन में कोरोना मरीजों को खुद की जांच कराने के अलावा उनकी देखभाल करने वालों को भी ब्लैक फंगस के लक्षणों पर नजर रखने की सलाह दी गई है।
डॉक्टरों के अनुसार म्यूको माइकोसिस के मामले कोरोना के उन मरीजों में देखे जा रहे हैं जिन्हें स्टेरॉयड दिया गया था। खासतौर पर उन लोगों में जो डायबिटीज और कैंसर से पीड़ित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज और ब्लैक फंगस के इन्फेक्शन के बीच मजबूत संबंध है।
एम्स ने आंखों के डॉक्टरों से जोखिम वाले सभी मरीजों की जांच को कहा
एम्स ने आंखों के डॉक्टरों को ऐसे सभी जोखिम वाले मरीजों की ब्लैक फंगस के लिए बेसिक जांच करने के लिए कहा है।
बेसिक जांच के बाद मरीज के डिस्चार्ज होने तक हर हफ्ते ऐसी जांच की जाएगी।
डॉक्टरों को मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद भी हर दो हफ्ते में तीन बार फॉलोअप जांच करने का निर्देश दिया गया है।