कोरोना के बीच देश में एक और बीमारी म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) हर दिन बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि कई राज्य इसे महामारी घोषित कर चुके हैं। गुरुवार को ही तेलंगाना सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी एक्ट में नोटिफाई करने की जानकारी दी है। तेलांगना में ब्लैक फंगस के 80 मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले बुधवार को राजस्थान सरकार ने इसे महामारी घोषित किया था। वहीं हरियाणा सरकार पहले ही यह फैसला ले चुकी है।
कोरोना के बीच ब्लैक फंगस को लेकर सरकारों की चिंता की वजह यही है कि यह बीमारी तेजी से फैल रही है और संक्रमितों की आंखों की रोशनी जा रही है। यहां तक कि इससे कई मरीजों की मौत भी हो रही है।
प्रमुख राज्यों में ब्लैक फंगस की यह स्थिति है-
राजस्थान: प्रदेश में अब तक 400 लोग ब्लैक फंगस की वजह से आंखों की रोशनी खो चुके हैं। जयपुर में ही करीब 148 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। जोधपुर में 100 मामले सामने आ चुके हैं। 30 केस बीकानेर के और बाकी अजमेर, कोटा और उदयपुर के हैं। स्थिति बिगड़ती देख सरकार ने बुधवार को ब्लैक फंगस को भी महामारी घोषित कर दिया। अब सरकार को ब्लैक फंगस के हर मामले, मौतों और दवा का हिसाब रखना होगा।
- मध्यप्रदेश: अकेले भोपाल में ही बीते 27 दिन में ब्लैक फंगस के 239 मरीज आ चुके हैं। इलाज के दौरान 10 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 174 अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से 129 मरीजों की सर्जरी हो चुकी है। हालांकि, सरकार भोपाल में सिर्फ 68 मरीज ही बता रही है। जबकि पूरे राज्य में 585 मरीज बताए जा रहे हैं। अभी तक इस बीमारी को महामारी घोषित नहीं किया गया है।
छत्तीसगढ़: प्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 100 के करीब पहुंच चुकी है। अस्पतालों में 92 मरीजों का इलाज चल रहा है। सबसे ज्यादा 69 मरीज एम्स में भर्ती हैं। इनमें से 19 का ऑपरेशन हो चुका है। सरकार ने अभी तक इसे महामारी घोषित नहीं किया है।
हरियाणा: पूरे प्रदेश में ब्लैक फंगस के 177 मरीज हैं। इस संक्रमण को महामारी घोषित करने वाला हरियाणा पहला राज्य था। राज्य का औषधि विभाग स्टेरॉयड की बिक्री पर भी रोक लगा चुका है।
दिल्ली: दिल्ली में ब्लैक फंगस के मरीज 300 के पार हो चुके हैं। इंजेक्शन की कमी होने के चलते इन मरीजों को अब ऑपरेशन कराने पड़ रहे हैं। एम्स में ही पिछले एक सप्ताह में 75 से 80 मरीज भर्ती हुए हैं। इनमें से 30 मरीजों की हालत काफी गंभीर है।
पटना में ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक व्हाइट फंगस
- कोरोना और ब्लैक फंगस से जूझ रहे पटना में अब व्हाइट फंगस (कैंडिडोसिस) का संक्रमण भी मुसीबत बन गया है। ब्लैक फंगस से कई गुना ज्यादा खतरनाक व्हाइट फंगस के 4 मरीज पिछले कुछ दिनों में यहां मिल चुके हैं।
- व्हाइट फंगस फेफड़ों के संक्रमण की मुख्य वजह है। फेफड़ों के अलावा यह स्किन, नाखून, मुंह के अंदरुनी हिस्से आमाशय-आंत, किडनी, गुप्तांग और ब्रेन को भी संक्रमित करता है। यह नाक या मुंह के रास्ते शरीर को संक्रमित करता है।
- व्हाइट फंगस में फेफड़ों के संक्रमण के लक्षण एचआरसीटी में कोरोना के लक्षणों जैसे ही दिखते हैं। दोनों बीमारियों के लक्षणों में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। जो कोरोना मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं उनके फेफड़ों को व्हाइट फंगस संक्रमित कर सकता है।
ब्लैक फंगस इसलिए फैल रहा
कोरोना संक्रमितों को स्टेरॉयड देने पर उनकी इम्युनिटी कम हो जाती है। शुगर लेवल अचानक बढ़ जाता है। नाक, चेहरे और तलवे की स्किन सुन्न हो जाती है। आंख की नसों के पास फंगस जमा हो जाता है, जो सेंट्रल रेटाइनल आर्टरी का ब्लड फ्लो बंद कर देता है। इससे मरीजों की आंखों की रोशनी चली जाती है।