कोरोना की वैक्सीन स्पुतनिक लगवाने की सोच रहे हैं? तो पहले इसके साइड इफेक्ट के बारे में जरूर जान लें

Posted By: Himmat Jaithwar
5/19/2021

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के खिलाफ देश में अब तीन वैक्सीन उपलब्ध हैं. इनमें सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक V वैक्सीन शामिल है. कोविशील्ड और कोवैक्सिन करोड़ो भारतीयों को लग चुकी हैं. लेकिन स्पुतनिक वैक्सीन अभी भारतीयों के लिए नई है और हाल ही में इसकी खेप भारत पहुंची है. तो स्पुतनिक वैक्सीन लगवाने से पहले जान लेते हैं कि इसके क्या क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं और इसमें क्या सावधानी बरतनी चाहिए. 

कैसे काम करती है स्पुतनिक वैक्सीन
स्पुतनिक वैक्सीन का निर्माण रूस के गेमालेया नेशनल सेंटर ऑफ एपिडिमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा किया गया है. दुनिया में सबसे पहले स्पुतनिक को ही कोरोना की पहली वैक्सीन के रूप में मंजूरी मिली थी. रूस के अलावा दुनिया के 65 देशों में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

बता दें कि स्पुतनिक वैक्सीन एडिनोवायरस वायरल वेक्टर पर आधारित वैक्सीन है और इसका वायरस के खिलाफ प्रभावी दर 91.6 फीसदी है. एडिनोवायरस भी एक तरह  का वायरस ही होता है, जिससे इंसानों में सर्दी जुकाम की समस्या हो जाती है. एडिनोवायरस शरीर में एक डिलीवरी वाहन के तौर पर काम करते हैं जो डीएनए को शरीर में कोरोना वायरस की मौजूदगी की खबर देते हैं. जिसके बाद हमारे शरीर की इम्यूनिटी तेजी से एक्टिव होती है और वायरस के खिलाफ लड़ती है. स्पुतनिक की तरह जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन भी एडिनोवायरस आधारित वैक्सीन है.

ये हो सकते हैं साइड इफेक्ट
मेडिकल न्यूज टुडे पोर्टल के अनुसार, स्पुतनिक वैक्सीन लगवाने से फ्लु जैसी बीमारी, सिर दर्द, कमजोरी और इंजेक्शन लगवाने वाली जगह पर इंफेक्शनकी समस्या हो सकती है. बता दें कि फाइजर, मोडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कोरोना वैक्सीन में ऐसे ही साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं. 

इस साल फरवरी में मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपी स्पुतनिक वैक्सीन के तीसरे ट्रायल के पेपर में यह भी बताया गया है कि 16427 वॉलंटियर्स में से 45 को गंभीर किस्म के लक्षण भी देखने को मिले थे. इनमें हेमरेज स्ट्रोक और हाइपरटेंशन प्रमुख हैं. हालांकि इंडिपेंटेंड डाटा मॉनिटरिंग कमेटी ने कहा है कि उक्त साइड इफेक्ट में से एक भी वैक्सीन के चलते नहीं हुए थे. 

चूंकि वैक्सीन में एडिनोवायरस का इस्तेमाल किया गया है तो उसके रेप्लिकेशन का भी डर है. हाल ही में ब्राजील ने शिकायत की थी कि स्पुतनिक वैक्सीन लेने वाले कुछ लोगों में एडिनोवायरस का रेप्लिकेशन हुआ है. हालांकि गामेलेया नेशनल सेंटर ने इस बात को खारिज कर दिया है. 



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