कोरोना की दूसरी लहर ने देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की असलियत उजागर कर दी है। अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने वाले फिल्म एक्टर अनुपम खेर ने पहली बार कोरोना संकट से निपटने में नाकाम रहने पर सरकार की आलोचना की। NDTV को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बार निश्चित तौर पर चूक की है और इसके लिए उसे जिम्मेदार ठहराना जरूरी है।
नेशनल अवॉर्ड विनर एक्टर अनुपम खेर ने कहा कि उनके (मोदी सरकार) लिए यह समझने का वक्त आ गया है कि जिंदगी में इमेज बिल्डिंग के अलावा और भी बहुत कुछ है। पढ़िए इस इंटरव्यू के चुनिंदा अंश…
सवाल: जिनके अपने बीमारी से नहीं, बल्कि वक्त पर सही इलाज और मेडिकल हेल्प न मिलने पर जान गंवा बैठे, उन्हें कैसे दिलासा देंगे?
अनुपम खेर: आप उस इंसान को दिलासा कैसे देंगे, जिसका कोई अपना ऑक्सीजन, दवाई या इलाज न मिलने की वजह से चला गया हो। आप उसे कैसे समझाएंगे। ऐसे वक्त में गुस्सा आना, दुखी होना और खुद को बेबस महसूस करना स्वाभाविक है। ऐसा होना भी चाहिए।
सवाल: कहीं बेड की कमी से मरते लोग हैं, ऑक्सीजन न मिलने से दम तोड़ते लोग हैं, कहीं पवित्र नदियों में बहती लाशें हैं… क्या सरकार को ऐसे में अपनी इमेज मैनेज करने के बजाय लोगों की मदद पर ध्यान नहीं देना चाहिए?
अनुपम खेर: कोई अमानवीय शख्स ही इससे प्रभावित नहीं होगा। मुझे लगता है कि कई मामलों में आलोचना सही होती है। सरकार से चूक हुई है और उसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराना भी जरूरी है। सरकार को इस वक्त उन लोगों के लिए काम करना चाहिए, जिन्होंने उसे चुना है। हालांकि मुझे लगता है कि किसी दूसरी पार्टी का इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना भी सही नहीं है।
सवाल: इन हालात में जब लोग टूट रहे हैं, अपनों को खो रहे हैं और कहीं उम्मीद नहीं है, तो लोग क्या कर सकते हैं?
अनुपम खेर: इन हालात में दुख, गुस्सा, बेबसी सब जायज है। इस सबके बावजूद यह सोचना चाहिए कि हमें किसी और की मदद करनी है। अभी युद्ध जैसे हालात हैं। एक सैनिक की तरह मुकाबला करना है। जीवन को आगे चलाना है।
फिर सुबह तो सूरज उगता है, बारिश तो होती है, मौसम तो बदलता है। जीवन चलते रहना चाहिए। तकलीफ है, दुख है, परेशानी है, गुस्सा है, फ्रस्ट्रेशन है। वो तो होगी।
कुछ दिन पहले कहा था- आएगा तो मोदी ही
कुछ दिनों पहले अनुपम खेर का एक ट्वीट काफी चर्चा में रहा था। सीनियर जर्नलिस्ट शेखर गुप्ता ने कोरोना से बने हालात संभालने में नाकाम रहने पर सरकार की आलोचना की थी। इसके जवाब में अनुपम खेर ने कहा था कि सरकार की आलोचना जरूरी है, पर इससे जूझना हम सबकी भी जिम्मेदारी है। वैसे घबराइए मत। आएगा तो मोदी ही। इस जवाब के बाद कई लोगों ने अनुपम खेर को आड़े हाथों लिया था।