ED ने 7 चीनी और उनकी सहयोगी भारतीय कंपनियों के करीब 77 करोड़ रुपए जब्त किए, पेमेंट गेटवे को किया था आगाह

Posted By: Himmat Jaithwar
5/12/2021

नई दिल्ली। चीन की लोन ऐप कंपनियों और उनके भारतीय सहयोगियों पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने सख्त कार्रवाई की है। ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA 2002) के तहत प्रोविजन अटैचमेंट ऑर्डर जारी करते हुए 7 कंपनियों के बैंक अकाउंट्स और पेमेंट गेटवे के 76.67 करोड़ रुपए जब्त कर लिए हैं।

FIR के बाद एक्शन
एजेंसी ने यह कदम बेंगलुरु CID द्वारा दर्ज FIR के बाद उठाया है। इसमें कई ग्राहकों ने आरोप लगाया था कि लोन कंपनी के रिकवरी एजेंट्स उन्हें परेशान कर रहे हैं। ED द्वारा जब्त 76.67 करोड़ रुपए 7 कंपनियों के हैं। इनमें मैड एलिफैंट नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, Baryonyx टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और क्लाउड एटलस फ्यूचर टेक्नोलॉजी शामिल हैं।

ये कंपनियां मूल रूप से चीन की हैं। इसके अलावा X10 फाइनेंशियल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड., ट्रैक फिन-एड प्राइवेट लिमिटेड और जमनादास मोरारजी फाइनेंशियल प्राइवेट लिमिटेड हैं। ये NBFC सेक्टर की कंपनियां हैं।

जनवरी में अलर्ट भेजा था
जनवरी में ED और CID यूनिट्स ने रेजरपे, पेटीएम समेत कई पेमेंट गेटवे से कहा था कि वे चीनी लोन ऐप्स के साथ ट्रांजेक्शन न करें। इनमें स्नैपआईटी लोन, बबल लोन, गो कैश और फ्लिप कैश समेत दो दर्जन ऐसे चीनी लोन ऐप्स मौजूद हैं। ये ऐप्स डायरेक्ट पेमेंट गेटवे से जुड़े हैं। इससे उनकी ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग और पेमेंट की जांच नहीं हो पाती।

प्रवर्तन निदेशालय और कई राज्यों की CID ने पेमेंट गेटवे को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वे चाइनीज कंपनियों के सपोर्ट वाले लोन ऐप का लाइसेंस रद्द कर दें। इसकी वजह यह थी कि इनके खिलाफ फर्जी कंपनियों के अकाउंट खोलने की जांच चल रही है।



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