कोरोना संक्रमण की चुनौती के बीच जब सांसों की टूटती डोर थामने के लिए हर कोई यहां से वहां से भटक रहा है। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी मची है, ऐसे में शहडोल मेडिकल कॉलेज स्टाफ नर्स एक हजार रुपए के लिए इंजेक्शन चुरा लेती थी। यह इंजेक्शन रैकेट में शामिल दो युवक मेडिकल स्टोर पर 5 से 6 हजार में बेच देते थे। इसके बाद मेडिकल स्टोर संचालक उसे 40 से 50 हजार रुपए में मरीज के परिजनों को बेचता था।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए मेडिकल कॉलेज शहडोल के स्टाफ नर्स सुषमा साहू, दो युवक दीपक, उज्जवल और मेडिकल स्टोर संचालक अमित मिश्रा को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन व 5 मोबाइल सहित 6 लाख 41 हजार 480 रुपए जब्त किए गए। स्टाफ नर्स ने 20 इंजेक्शन चोरी करकेे 1- हजार में दीपक और उज्जवल को देने की बात स्वीकार की है। 16 इंजेक्शन अमित ने 40 से 50 हजार में मरीज के परिजनों को अब तक बेचा है।
ऐसे चली पुलिस की कार्रवाई
शहडोल पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दीपक गुप्ता एवं उज्ज्वल द्विवेदी के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन है। SP अवधेश गोस्वामी ने गठित SIT की टीम को सूचित किया। टीम कुदरी बायपास रोड पर पहुंची। SIT ने दीपक गुप्ता पिता सीताराम गुप्ता निवासी कौडिया जिला उमरिया हाल कुदरी रोड शहडोल और उज्जवल द्विवेदी निवासी ग्राम चंदिया जिला उमरिया को पकड़ा। तलाशी लेने पर दो रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले।
दस्तावेज मांगने पर वैध दस्तावेज पेश नहीं किया गया। पूछताछ से पता चला कि मेडिकल कॉलेज स्टाफ नर्स सुषमा साहू यहां भर्ती कोविड-19 के मरीजों को आवंटित इंजेक्शन मरीजों को न लगाकर चोरी छिपे इन्हें बेच देती थी। ये दोनों 5 से 6 हजार में अमित फॉर्मा के संचालक अमित मिश्रा को देते थे। पुलिस ने अमित मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। चारों आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की गई।