नई दिल्ली। पिछले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों यानी सरकारी बैंकों की 2,118 शाखाएं बंद या अन्य बैंकों में विलय हो गई हैं। ऐसा केंद्र सरकार की ओर से बैंकों के विलय के फैसले के कारण हुआ है। सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की 1283 शाखाओं पर पड़ा असर
मध्य प्रदेश के नीमच के RTI कार्यकर्ता ने सूचना का अधिकार के तहत बैंक शाखाओं से जुड़ी जानकारी मांगी थी। RTI में मिले जवाब के मुताबिक, पिछले साल बैंक ऑफ बड़ौदा की सबसे ज्यादा 1283 शाखाएं बंद या दूसरे बैंकों में विलय हुई हैं। बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक की कोई भी शाखा पिछले वित्त वर्ष में बंद नहीं हुई है। सरकार ने 2019 में 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाए थे। इस विलय के बाद देश में राष्ट्रीयकृत बैंकों की संख्या 12 रह गई है।
बैंकिंग इंडस्ट्री के हित में नहीं बैंकों की कम संख्या
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी सीएच वेंकटचेलम का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या में गिरावट बैंकिंग इंडस्ट्री और घरेलू अर्थव्यवस्था के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की विशाल जनसंख्या तक पहुंच बनाने के लिए बैंकों को शाखाओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। वेंकटचेलम का कहना है कि बैंक शाखाओं की संख्या में कमी आने से बैंकिंग सेक्टर रोजगार के रोजगार के अवसर घट रहे हैं। इससे नौकरी की तलाश करने वाले युवा हताश हो रहे हैं।
इन बैंकों का विलय हुआ
- पंजाब नेशनल बैंक में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय हुआ।
- सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में हुआ है।
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय हुआ है।
- इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में हुआ है।
एसबीआई में भी हो चुका है 6 सहयोगी बैंकों का विलय
केंद्र सरकार ने 2017 में बैंकों के विलय की प्रक्रिया शुरू की थी। तब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई में इसके 6 सहयोगी बैंकों का विलय हुआ था। जिन बैंकों का विलय हुआ था, उनमें स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और भारतीय महिला बैंक शामिल हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा में हुआ दो बैंकों का विलय
इसके बाद सरकार ने जनवरी 2019 में देना बैंक और विजया बैंक का बैक ऑफ बड़ौदा में विलय को मंजूरी दी थी। यह विलय अप्रैल 2019 से लागू हुआ था। इस विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया था। लेकिन ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है।