अमेरिका की सबसे बड़ी तेल पाइपलाइन पर हुए साइबर अटैक के बाद बाइडेन प्रशासन ने आपातकाल की घोषणा कर दी है। जिस कोलोनियल पाइपलाइन कंपनी पर अटैक हुआ है, वह रोजाना 25 लाख बैरल तेल सप्लाई करती है। यहां से पाइपलाइन के जरिए US के पूर्वी तट के किनारे बसे राज्यों में पेट्रोल, डीजल और दूसरी गैसों की सप्लाई की जाती है।
हैकर्स ने इस पाइलपालन की साइबर सिक्योरिटी पर शुक्रवार को हमला किया था, जिसे अभी तक रिकवर नहीं किया जा सका है। लिहाजा रिकवरी टैंकर्स के जरिए तेल और गैस की सप्लाई न्यूयॉर्क तक की जा रही है। साइबर हमले का असर अटलांटा और टेनेसी पर सबसे ज्यादा पड़ेगा। कुछ समय बाद न्यूयॉर्क तक भी असर दिख सकता है। रविवार रात तक कंपनी की 4 मेन लाइनें ठप पड़ी थीं। हमले का पता चलने के बाद कंपनी ने अपनी कुछ लाइनें काट दी हैं।
कोलोनियल पाइपलाइन जेट फ्यूल और दूसरी गैंसें भी सप्लाई करती है।
बढ़ सकती है तेल की कीमतें
कोरोना महामारी के कारण कंपनी के ज्यादातर इंजीनियर वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, इसलिए हैकर्स आसानी से इतने बड़े हमले को अंजाम देने में सफल हो गए। साइबर अटैक की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें 2 से 3% तक बढ़ सकती हैं। इसे जल्द नहीं सुधारा गया तो कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी भी हो सकती है।
हैकर्स ने 100GB डेटा चुराया
इस साइबर अटैक का आरोप डार्कसाइड नाम की साइबर अपराधियों की गैंग पर लग रहा है। इन्होंने कोलोनियल कंपनी के नेटवर्क को हैक कर लिया और करीब 100GB डेटा चुरा लिया। हैकर्स ने कुछ कंप्यूटरों को लॉक करके फिरौती भी मांगी है। फिरौती न मिलने पर डेटा को इंटरनेट पर लीक करने की धमकी दी है।