अमेरिका को दुनिया का सबसे अमीर देश और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भले माना जाता हो, लेकिन सबसे ज्यादा अरबपतियों के मामले में चीन की कंपनियां अमेरिकी कंपनियों से आगे हैं। चीन की राजधानी बीजिंग में दुनिया के सबसे ज्यादा 100 से अधिक अरबपति हैं।
एक बेहद कम चर्चा में रहने वाली बैटरी निर्माता कंपनी में ही 9 अरबपति हैं। जबकि फेसबुक, वॉलमार्ट और गूगल जैसी दुनिया की सबसे मशहूर कंपनियों में केवल 8-8 अरबपति हैं। चीन की कंपनी कंटम्परेरी एम्परेक्स टेक्नोलॉजी (CATL) दुनिया में सबसे ज्यादा अरबपति देने वाली कंपनी है।
BMW, फॉक्स वैगन और मर्सिडीज-बेंज के लिए बनाती है बैटरी
CATL दुनिया की सबसे शानदार और लग्जरी कारों की कंपनियों बीएमडब्ल्यू, फॉक्स वैगन और मर्सिडीज बेंज के इलेक्ट्रिक मॉडल्स के लिए बैटरी बनाती है।
दुनियाभर में इलेक्ट्रिक कारों में लगने वाली 22% बैटरी अकेले CATL बनाती है
चीन दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक कार मार्केट है। इसे देखते हुए CATL ने अपनी क्षमता शुरुआत की तुलना में अब कई गुना बढ़ा ली है। एडामास इंटेलिजेंस की मुताबिक दुनियाभर में इलेक्ट्रिक कारों में लगने वाली बैटरियों में 22% बैटरी CATL की बनाई हुई होती हैं। इससे आगे केवल एक ही कंपनी बची है- एलर्जी एनर्जी सॉल्यूशन। ये कंपनी पोलैंड की है और इसकी बाजार में इसकी हिस्सेदारी 28% है।
महज 10 साल पुरानी है ये कंपनी, कम ही लोग इसके बारे में जानते हैं
दुनिया को सबसे ज्यादा अरबपति देने वाली कंपनी CATL की खास बात ये है कि यह महज 10 साल पहले यानी 2011 में ही स्थापित हुई थी, लेकिन कंपनी ने उड़ान कोरोना काल में भरी। बीते महज एक साल के भीतर इसके शेयर के दाम 150% ऊपर उछल गए हैं।
कंपनी के फाउंडर की एक साल में तीन गुना बढ़ी संपत्ति, पहले इलेक्ट्रॉनिक कंपनी में थे इंजीनियर
CATL के फाउंडर और CEO रॉबिन झेंग के पास कंपनी के 25% शेयर हैं। मार्च 2020 की तुलना में रॉबिन झेंग की संपत्ति में तीन गुना का इजाफा हुआ है। वे फोर्ब्स की लिस्ट में दुनिया के सबसे अमीर लोगों में 47वें नंबर पर हैं। जानकारी के अनुसार, झेंग पहले एक इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स कंपनी में इंजीनियर थे। उन्होंने 1999 में लिथियम आयन बैटरी बनाने का काम शुरू किया था। बाद में 2011 में उन्होंने CATL की स्थापना की।
कंपनी के इतनी तेजी से आगे बढ़ने के पीछे है चीन सरकार की एक सब्सिडी
दरअसल, चीन सरकार ने 2015 से इलेक्ट्रिक कारों के लिए बैटरी बनाने वाली कंपनियों को सब्सिडी देने की शुरुआत की। इससे लागत में जबर्दस्त कमी आई, वहीं दूसरी ओर लगातार प्रदूषण और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के बीच कार निर्माता कंपनियों ने इलेक्ट्रिक कारों को बेहद सस्ता बताकर प्रचार शुरू किया। इससे बैटरी की मांग बढ़ गई।
CATL अपनी वेबसाइट पर बताती है कि चीन सरकार की सब्सिडी की वजह से उन्हें बल मिला। हालांकि कंपनी अपने रणनीति, निरंतर निवेश, रिसर्च और डेवलपमेंट को भी आगे बढ़ने के प्रमुख कारण बताती है। लेकिन ऐसा माना जाता है इस कंपनी पर चीन की सरकार भी मेहरबान है।