सिवनी से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले को STF ने ग्वालियर स्टेशन से गिरफ्तार किया है। आरोपी कमलेश्वर प्रसाद दीक्षित के पास से 5 इंजेक्शन मिले हैं। वह सोशल मीडिया पर इंजेक्शन की कालाबाजारी का रैकेट चलाता है। वह इसके लिए बने कई सोशल मीडिया ग्रुप पर जुड़ा है। जैसे ही, डिमांड आती है, सक्रिय हो जाता है। STF की टीम ने उसे पेशेंट का भाई बनकर जाल में फंसाया है। आरोपी पेशे से वकील है। वह 2018 में सिवनी विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव भी लड़ चुका है।
कोरोना आपदा के दौर में रेमडेसिविर की कालाबाजारी चरम पर है। असली इंजेक्शन तो छोड़िए नकली इंजेक्शन भी मार्केट में ब्लैक हो रहे हैं। ऐसे में कई रैकेट सक्रिय हो गए हैं। जिनके लिए दूरी मायने नहीं रखती। शनिवार को ऐसे ही शातिर आरोपी को STF (स्पेशल टास्क फोर्स) की टीम ने रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है। इसके पास से 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले हैं। अब इनकी जांच की जा रही है कि यह असली है या नकली।
आरोपी की पहचान ग्वालियर से सिवनी निवासी कमलेश्वर प्रसाद दीक्षित (43) निवासी रघुनाथ कॉलोनी के रूप में हुई है। आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, आवश्यक वस्तु अधिनियम, महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपी से बरामद रेमडेसिविर इंजेक्शन, STF पता लगा रही है कि इसे ये इंजेक्शन कहां से मिलते थे
ऐसे फंसाया जाल में
STF इंस्पेक्टर चेतन सिंह बैस को सूचना मिली थी, कुछ लोग सोशल मीडिया के माध्यम से रैकेट को चला रहे हैं। इस पर उन्होंने फेसबुक पर नया अकाउंट बनाया। उसके जरिए एक पेशेंट का भाई बनकर अर्जेंट में रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड का मैसेज छोड़ा। जिस दिन पोस्ट किया, उसी दिन एक युवक ने उनसे संपर्क किया। दोनों का मोबाइल नंबर का आदान प्रदान हुआ।
इसके बाद बातचीत शुरू हुई। STF ने पांच इंजेक्शन की डिमांड बताई। साथ ही, तत्काल इंजेक्शन की बात भी कही। एजेंट ने 30 हजार रुपए में एक इंजेक्शन देने की बात कही। डील हो गई। तय समय के अनुसार शनिवार दोपहर कांगो एक्सप्रेस से एजेंट इंजेक्शन लेकर ग्वालियर स्टेशन पहुंचा।
यहां जैसे ही उसकी पहचान हुई STF की टीम इंस्पेक्टर चेतन बैस, निरीक्षक सत्यम सिंह, SI अमित पाल, आकाश, ASI भूपेन्द्र, आरक्षक उदय, रवि, अभिषेक, जावेद ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। तलाशी लेने पर बैग से 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले हैं। पता किया जा रहा है कि यह इंजेक्शन कहां से लेकर आया है।
विधायक बनने का सपना टूटा, तो करने लगा दलाली
आरोपी कमलेश्वर प्रसाद के बारे में STF को पता लगा है कि यह कभी मध्य प्रदेश विधानसभा भवन में बैठने का सपना देखा करता था। कमलेश्वर ने साल 2018 में सिवनी विधानसभा सीट से सपाक्स की ओर से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। उसे सिर्फ 832 बोट ही मिले थे। सिवनी में इसका कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट भी हैं। पेशे से वह वकील है। साल 2020 में लॉकडाउन और साल 2021 में जब उसकी हालत पतली हुई तो आपदा में कालाबाजारी पर उतर आया।