पड़ोसी देश पाकिस्तान में पहली बार एक हिंदू लड़की असिस्टेंट कमिश्नर बनी है। उनका नाम सना रामचंद है। उन्हें यह मुकाम हासिल करने के लिए सेंट्रल सुपीरियर सर्विस (CSS) पास करनी पड़ी। इसके बाद उनका चयन पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (PAS) में हुआ। यह पाकिस्तान की सबसे बड़ी प्रशासनिक परीक्षा है। सना पेशे से MBBS डॉक्टर भी हैं।
CSS की लिखित परीक्षा में 18,553 कैंडिडेट्स शामिल हुए। इनमें 221 पास हुए। सना ने स्थानीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैं बेहद खुश हूं, लेकिन हैरान नहीं। मुझे बचपन से ही कामयाबी की ललक है और मैं इसकी आदी हो चुकी हूं। मैं अपने स्कूल, कॉलेज और FCPS की परीक्षा में भी टॉप कर चुकी हूं।'
सना सर्जन भी बन जाएंगी
सना सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने सिंध प्रांत के चंदका मेडिकल कॉलेज से MBBS किया। अभी वे सिंध इंस्टिट्यूट ऑफ यूरोलॉजी एंड ट्रांसपेरेंट से FCPS की पढ़ाई कर रही हैं। वे जल्द ही सर्जन बनने वाली हैं।
पाकिस्तान में हिंदू आबादी को लेकर अलग-अलग आंकड़े
पाकिस्तान में हिंदू आबादी कितनी है? इसको लेकर अलग-अलग आंकड़े हैं। पाकिस्तान में आखिरी बार 1998 में जनगणना हुई थी। 2017 में भी हुई है, लेकिन अभी तक धर्म के हिसाब से आबादी का डेटा जारी नहीं किया गया है।
पाकिस्तान के स्टेटिक्स ब्यूरो के डेटा के मुताबिक, 1998 में वहां की कुल आबादी 13.23 करोड़ थी। उसमें से 1.6% यानी 21.11 लाख हिंदू आबादी थी। 1998 में पाकिस्तान की 96.3% आबादी मुस्लिम और 3.7% आबादी गैर-मुस्लिम थी। जबकि, 2017 में पाकिस्तान की आबादी 20.77 करोड़ से ज्यादा हो गई है। जबकि, मार्च 2017 में लोकसभा में दिए गए एक जवाब में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि 1998 की जनगणना के मुताबिक, पाकिस्तान में हिंदू आबादी 1.6% यानी करीब 30 लाख है।