पाकिस्तान की इमरान खान सरकार और फौज पर वहां की मीडिया और विपक्ष कश्मीर मुद्दे पर चुप्पी साधने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक अहम बयान दिया है। कुरैशी ने एक इंटरव्यू में कहा- मैं साफ कर देना चाहता हूं कि आर्टिकल 370 हटने से हमें पहले भी परेशानी नहीं थी, अब भी नहीं है। हम मानते हैं कि ये भारत का अंदरूनी मामला है, लेकिन धारा 35ए हटाने पर हमें आपत्ति है और चिंता भी है। हम इसे बारे में पहले भी अपना नजरिया साफ कर चुके हैं।
इसे पाकिस्तान का यू-टर्न माना जा सकता है, क्योंकि खुद प्रधानमंत्री इमरान खान UN और दुनिया के दूसरे मंचों पर आर्टिकल 370 को हटाए जाने का विरोध करते रहे हैं। खास बात यह है कि कुरैशी ने यह बयान सऊदी अरब की यात्रा पर रवाना होने से ठीक पहले दिया है। पाकिस्तान में ऐसी खबरें हैं कि सऊदी अरब और यूएई कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए पाक पर दबाव बढ़ाते जा रहे हैं।
370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में
सऊदी रवाना होने से पहले कुरैशी ने ‘समा न्यूज’ को इंटरव्यू दिया। कश्मीर मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा- हम मानते हैं कि आर्टिकल 370 को हटाना भारत का अंदरूनी मामला है और इसे वे ही जानें। इस मामले पर वहां का सुप्रीम कोर्ट सुनवाई भी कर रहा है। हमारी चिंता तो धारा 35ए को लेकर है। इससे कश्मीर के भौगोलिक और आबादी का संतुलन बदलने की कोशिश की जा रही है। हम 370 को अहमियत नहीं देते।
FATF के लिए सऊदी को मनाने की कोशिश
कुरैशी ने इस बात से इंकार कर दिया कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्तों में खटास आ चुकी है। उन्होंने कहा- FATF में सऊदी ने पाकिस्तान के पक्ष में वोटिंग नहीं की थी, लेकिन ये उस वक्त की बात है। आगे हालात बदलने की उम्मीद है। सियासत की बात अलग है, लेकिन हमने FATF की सभी शर्तें पूरी की हैं। हमने सऊदी की तरक्की में अहम योगदान दिया है।
भारत से गुप्त बातचीत के सवाल पर उलझे
कुरैशी से सवाल पूछा गया कि भारत के साथ दो साल से बैक चैनल डिप्लोमैसी हो रही है तो सरकार चुप क्यों है। कुरैशी ने पहले तो इसे बैक चैनल डिप्लोमैसी मानने से ही इंकार कर दिया। इस पर उनसे पूछा गया- जब ISI चीफ और रॉ चीफ की लंदन और दुबई में मुलाकात होती है तो इसे क्या कहेंगे? इस पर कुरैशी अटक गए। कहा- हम एक दूसरे को हालात के बारे में आगाह करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।