भारत में पिछले 15 दिन से 3 लाख से ज्यादा नए कोरोना केस सामने आ रहे हैं। बीते 24 घंटों में रिकॉर्ड 4.12 लाख केस सामने आए हैं। इसके बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकारों के तैयार किए एक मॉडल के मुताबिक दूसरा पीक बस आने ही वाला है और जून के अंत तक नए केस घटकर 20 हजार प्रतिदिन रह जाएंगे।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, IIT कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने एक मॉडल पेश किया है, उसके आधार पर IIT हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर ने कहा कि कुछ ही दिन में पीक आने वाला है। हमारे प्रोजेक्शन कहते हैं कि जून के अंत तक देश में हालात फरवरी जैसे होंगे यानी तब तक रोजाना सामने आने वाले केसों की संख्या घटकर 20 हजार तक पहुंच जाएगी। इसी टीम ने पिछले महीने यानी अप्रैल मध्य तक भी पीक आने का अनुमान जाहिर किया था, लेकिन तब ये गलत साबित हुए थे।
मौजूदा ट्रेंट से एक्सपर्ट की आशंकाएं बढ़ीं, 5 पॉइंट्स
1. बेंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस की एक टीम ने अनुमान जाहिर किया है कि आने वाले कुछ हफ्ते भारत के लिए बेहद मुश्किल भरे रहेंगे।
2. टीम के मुताबिक, अगर केसों और मौतों का मौजूदा ट्रेंड जारी रहा तो 11 जून तक कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 4 लाख को पार कर जाएगा। अभी ये आंकड़ा 2 लाख के पार हो चुका है।
3. लगातार 15वें दिन 3 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि संक्रमण में मौजूदा तेजी भारत में सामने आए नए वैरिएंट की वजह से है।
4. कैलाश अस्पताल नोएडा की डॉक्टर अनुराधा मित्तल ने कहा कि उनकी जान-पहचान के करीब 50 डॉक्टर वैक्सीन के दोनों शॉट्स लेने के बावजदू कोरोना पॉजिटिव हो गए। इसकी वजह लगातार म्यूटेड होता वायरस भी हो सकता है और वो हालात भी जिनमें डॉक्टर्स लगातार काम कर रहे हैं।
5. भारत जैसे देशों से नए स्ट्रेन दूसरे देशों में भी फैल रहे हैं। ऐसे में आने वाले वक्त में दुनियाभर में संक्रमण ज्यादा लंबा खिंच सकता है।
पीक को लेकर अनुमान लगाना मुश्किल, वजह- आंकड़ों की तस्वीर सही नहीं
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पीक के लिए जो नया मॉडल अपनाया गया है, उस पर भी अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता। पिछले महीने भी यह मॉडल फेल हो चुका है। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि यह आंकड़े कम करके बताए जा रहे हैं। न तो टेस्टिंग बढ़ाई है और न ही मौतों की सही तस्वीर सामने आ रही है। वहीं, देशभर में श्मशान घाटों की तस्वीरें कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। इससे पीक को लेकर सारे असेसमेंट जटिल होते जा रहे हैं।
नया पूर्वानुमान अन्य वैज्ञानिकों के पूर्वानुमानों से मेल खाता है, जिसमें 15 मई के आसपास दूसरा पीक आने की बात कही जा रही है। यह पूर्वानुमान बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि बीते 24 घंटे में देश में 4.12 लाख नए केस सामने आए। इस दौरान 3,980 मौतें हुईं। इन स्थितियों के बीच भी प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया है कि वे नेशनल लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते। हालांकि, ज्यादातर राज्यों में आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन पहले से लागू है। कई राज्यों ने अपनी सीमाओं को सील कर रखा है।
एक्सपर्ट के 4 अनुमान, जो गलत साबित हुए
1. पिछले महीने ही विद्यासागर की टीम ने अनुमान लगया था कि 15 अप्रैल तक कोरोना का दूसरा पीक आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ये अनुमान इसलिए गलत साबित हुआ, क्योंकि पैरामीटर्स ही गलत थे। टीम का कहना है कि महामारी लगातार बदल रही है। पिछले हफ्ते ही इसमें बदलाव देखने को मिले हैं।
2. इसके पहले टीम ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि पीक 3-5 के बीच आएगा।
3. इसी टीम ने एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में विद्यासागर ने कहा कि पीक 7 मई तक आ जाएगा, लेकिन अभी भी आंकड़ों में ये नहीं साफ हो रहा है।
4. इससे पहले एसबीआई रिसर्च की मार्च रिपोर्ट में अप्रैल के मध्य में पीक आने की संभावना जताई थी। अप्रैल में संशोधित अनुमान आया और कहा गया कि 15 से 20 मई के बीच पीक आएगा।