विदिशा। कोरोना महामारी ने हर आदमी को परेशानी में डाल दिया है। शहरों के साथ ही गांवों में भी संक्रमण फैलने की वजह से हर दिन लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में किसी को हल्की सर्दी-खांसी या बुखार भी आ जाए तो वह डॉक्टर के पास भाग रहा है। डॉक्टर भी ऐसा देखा जा रहा है जो उनकी आर्थिक क्षमता के अनुसार इलाज कर दें। बड़े शहरों में जहां अस्पतालों की लूटमार के किस्से सामने आ रहे है तो गांव-कस्बे भी पीछे नहीं है। फर्जी डिग्री और बिना किसी योग्यता के लोगों का इलाज किया जा रहा है। इससे पहले आगर मालवा जिले में भी इसी तरह का मामला सामने आ चुका है।
विदिशा जिले के एक गांव में तो खेत में बड़ा अस्पताल बनाकर एक व्यक्ति अपने पिता की डिग्री पर इलाज कर रहा है। मामला उजागर होने के बाद भी अफसर कह रहे है कि कार्रवाई करेंगे।
नटेरन ब्लॉक के ग्राम वर्धा में जहां खुला आसमान हैं। खेतों में पेड़ खड़े हुए हैं और यहां छोटे-छोटे पलंग डालकर कथित डॉक्टर धड़ल्ले से मरीजों का इलाज कर रहा है। खेत में एक अस्पतालनुमा बिल्डिंग भी बनी हुई है। कबाड़खाने में दवाई-इंजेक्शन के ढेरों बॉक्स भरे पड़े हुए हैं। इसके अलावा बाहर दुकान की तरह एक टेबल पर भी दवाई-गोलियां रखी हुई हैं।
एक व्यक्ति ने डॉक्टर से पूछा कि आपके पास कौन सी डिग्री है तो उसने जवाब दिया पिताजी की है ना। हमारे पास तो कोई डिग्री नहीं है। नीली शर्ट पहने इस कथित डॉक्टर ने अपना नाम अब्दुल करीम खान बताया। उसने तो यहां तक भी कहा कि लोगों को कमजोरी है तो ड्रिप चढ़ा देते हैं और थोड़ा बहुत कोरोना का इलाज भी कर देते हैं।
जी, हमारा नाम अब्दुल करीम खान है।
दुकान की तरह टेबल पर सजाकर रखी गई गोली-दवाई।
सरकारी खानापूर्ति का जवाब
इतना बड़ा अस्पताल चल रहा है और स्वास्थ्य विभाग को इसकी खबर तक नहीं है। बीएमओ नीतू राय को पूरा मामला बताया गया तो उन्होंने सरकारी खानापूर्ति वाला जवाब दिया कि हम पता लगांएगे। सीएमएचओ को लिखेंगे और एक टीम बनाकर कार्रवाई करेंगे।