अच्छे मानसून की उम्मीदों से गांवों की मांग में मजबूती रहेगी, सप्लाई की मांग कृषि पर टिकी है- रिजर्व बैंक गवर्नर

Posted By: Himmat Jaithwar
5/5/2021

मुम्बई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अच्छे मानसून की उम्मीदों से गांवों की मांग में मजबूती बनी रहेगी। आज सुबह अचानक उन्होंने 10 बजे स्पीच देने का फैसला किया। दास ने कहा कि व्यवसायों ने कोविड प्रतिबंधों और रोकथाम के बावजूद खुद को जीवित रखा है। दास ने कहा कि आरबीआई के अप्रैल की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी में दिए गए अनुमानों से किसी बड़े बदलाव की उम्मीद न करें।

इकोनॉमी बड़े स्तर पर प्रभावित हुई है

शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से इकोनॉमी काफी बडे़ स्तर पर प्रभावित हुई है। इससे जुड़ी स्थितियों पर आरबीआई की नजर बनी हुई है। दूसरी लहर के खिलाफ बड़े कदम की जरुरत है। RBI पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। गवर्नर ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के बाद इकोनॉमी में रिकवरी दिखनी शुरु हुई थी लेकिन दूसरी लहर ने एक बार फिर संकट पैदा कर दिया है। सरकार वैक्सीनेशन में तेजी ला रही है। ग्लोबल इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत है। भारत की बात करें तो भारतीय इकोनॉमी भी दबाव से उबरती दिख रही है। आगे अच्छे मॉनसून से ग्रामीण मांग में तेजी संभव है।

मैन्युफैक्चरिंग में धीमापन थम रहा है

उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में भी धीमापन थमता नजर आ रहा है। ट्रैक्टर सेगमेंट में तेजी बरकरार दिख रही है हालांकि अप्रैल में ऑटो रजिस्ट्रेशन में कमी दिखी है। शक्तिकांता दास ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के खिलाफ व्यापक कदम उठाने की जरुरत है। भारत ने कोविड के खिलाफ अपनी लड़ाई काफी आक्रमक रुप से शुरु की है। आरबीआई भी स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए है। आरबीआई के 200 से ज्यादा अधिकारियों के लिए जो अपने घर से दूर रहकर काम कर रहे हैं क्वारेंटाइन फैसिलिटी चालू रहेगी। मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में अभी तक कोई बड़ी बाधा नहीं आई है

35,000 करोड़ की सिक्योरिटीज खरीदेगा आरबीआई

शक्तिकांत दास के मुताबिक, 35000 करोड़ रुपए की गर्वमेंट सिक्योरिटीज की खरीद का दूसरा चरण 20 मई को शुरु किया जाएगा। इमरजेंसी हेल्थ सेवा के लिए 50,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा प्राथमिकता वाले सेक्टरों के जल्द ही लोन और इंसेंटिव का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा बैंक, कोविड बैंक लोन भी बनाएंगे। राज्यों की ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी को अब 34 दिन से बढ़ाकर 50 दिन कर दिया गया है।

सप्लाई का दारोमदार कृषि पर टिका है

उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून की उम्मीद से रूरल डिमांड अच्छी रहेगी। सप्लाई का पूरा दारोमदार कृषि क्षेत्र की मजबूती पर टिका हुआ है। कोविड-19 संकट से बाहर आने की भारत की क्षमता पर विश्वास रखना चाहिए। गवर्नर ने कहा कि स्थिति नाटकीय रूप से बदल गई है। अब इसे नपी तुली (कैलिब्रेटेड) कार्रवाई के साथ मैच करने की जरूरत है। गवर्नर दास ने कहा कि आरबीआई अपने रिसोर्सेज को सभी मोर्चे पर तैनात करेगा।

एमएसएमई के लिए रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा फिर शुरू

रिजर्व बैंक ने व्यक्तिगत और सूक्ष्म, छोटे और मझोले यानी एमएसएमई उद्योगों के लिए एक बार के रिस्ट्रक्चरिंग की भी सुविधा को फिर से शुरू किया है। स्मॉल फाइनेंस बैंक छोटे माइक्रोफाइनेंस संस्थानों जिनका असेट साइज 500 करोड़ रुपए है, उनको कर्ज दे सकते हैं। इसी तरह केवाईसी सुविधा को 31 दिसंबर तक एक सीमित दायरे में उपयोग करने का भी आदेश दिया गया है।

वीडियो केवाईसी को स्वीकार करें

गवर्नर ने कहा कि कुछ मामलों में वीडियो केवाईसी को स्वीकार करना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। स्मॉल फाइनेंस बैंकों की मदद के लिए 10,000 करोड़ रुपए तक के लांग टर्म रेपो ऑपरेशन की घोषणा की गई है। इस फंड का इस्तेमाल एक ग्राहक को 10 लाख रुपए तक के कर्ज के लिए किया जा सकता है।

50 हजार करोड़ की विडों योजना शुरू

शक्तिकांत दास ने कहा कि 31 मार्च, 2022 तक रेपो रेट पर 3 साल तक की अवधि के साथ 50,000 करोड़ रुपए की ऑन-टैप लिक्विडिटी विंडो की योजना शुरू की गई है। योजना के तहत बैंक वैक्सीन निर्माताओं, मेडिकल सुविधाओं, अस्पतालों और मरीजों सहित संस्थाओं को सपोर्ट कर सकते हैं। इस कर्ज को पुनर्भुगतान (repayment) या मेच्योरिटी तक प्रायोरिटी सेक्टर का क्लासिफिकेशन मिलेगा। बैंक इस योजना के तहत एक कोविड लोन बुक बनाएंगे।

महंगाई के दबाव पर अच्छा असर होने की संभावना

उन्होंने कहा कि महंगाई के दबाव पर भी अच्छा प्रभाव पड़ने की संभावना है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा स्थितियां बदल गई हैं और यह मजबूत आर्थिक सुधार के निचले पायदान से नए संकट का सामना करने की ओर मुड़ चुकी हैं। जिस विनाशकारी गति से वायरस लोगों को ग्रसित कर रहा है, उसका मुकाबला उतनी ही तेजी और व्यापक कार्रवाई से किया जाना चाहिए जो सोचा समझा, जांचा परखा गया है। इससे सबसे कमजोर सहित विभिन्न वर्गों तक पहुंचा जा सकेगा।



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