एक-दूसरे की कमर में चुनरी बांधी और ट्रेन के सामने खड़े हो गए, घर से डेढ़ किलोमीटर दूर जाकर दी जान

Posted By: Himmat Jaithwar
5/5/2021

जबलपुर। जबलपुर में एक प्रेेम कहानी का दुखद अंत हो गया। प्रेमी युगल कमर में चुनरी बांध कर ट्रैक पर खड़े हो गए। ट्रेन दोनों को काटते हुए निकल गई। दोनों सोमवार शाम को घर से निकले थे। युवती के घरवालों ने युवक के खिलाफ खितौला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। शव मिलने के बाद दोनों की पहचान हुई।

बनारस से चलकर मुंबई जाने वाली ट्रेन 2168 कटनी की ओर से आ रही थी। उसी के सामने दोनों खड़े हो गए। ट्रेन दोनों को काटते हुए आगे निकल गई। मंगलवार सुबह सवा नौ बजे ट्रैक पर दोनों का शव पड़ा देख आसपास के लोगों ने खितौला पुलिस को खबर दी।

खितौला वार्ड नंबर एक के रहने वाले थे युवक-युवती
खितौला टीआई जगोतिन मसराम के मुताबिक दोनों की पहचान खितौला वार्ड नंबर एक निवासी जय चौधरी (24) और युवती की पहचान अंजलि चौधरी (19) के रूप में हुई। दोनों के घरों का फासला एक किमी है। दोनों सोमवार की शाम सवा पांच बजे के लगभग घर से निकले थे।

अंजलि के पिता पूरनलाल चौधरी ने खितौला थाने में युवक जय चौधरी के खिलाफ बेटी को भगा ले जाने की शिकायत दी थी। पुलिस ने प्रकरण जांच में लिया था।

दोनों शवों की पहचान पिता ने की
शव मिलने की खबर पाकर मौके पर पहुंचे पूरनलाल ने कपड़ों के आधार पर बेटी के शव की पहचान की। वहीं जय की पहचान उसके पिता शिव प्रसाद चौधरी ने की। प्रारंभिक छानबीन में सामने आया कि दोनों के बीच काफी समय से प्रेम संबंध थे। वे आपस में शादी करना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार वाले इसके लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद दोनों ने साथ मरने का फैसला किया होगा।

पटरी पर दोनों का शव मिला। उनकी कमर में चुनरी बंधी हुई थी।
पटरी पर दोनों का शव मिला। उनकी कमर में चुनरी बंधी हुई थी।

इकलौता बेटा था जय चौधरी
जय चौधरी पिता शिव प्रसाद और मां गीता बाई का इकलौता बेटा था। उससे बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। पिता शिव प्रसाद मजदूरी करते हैं। उनके साथ ही जय चौधरी भी पल्लेदारी करता था। बेटे की मौत के बाद से मां गीता बाई का रो-रो कर बेहाल है।
छोटी बेटी थी अंजलि
वहीं अंजलि चौधरी दो भाई-बहन में छोटी थी। अंजलि से बड़ा भाई पवन और पिता पूरन बारदाने की सिलाई का काम करते हैं। मां शीला बाई ने रोते हुए कहा कि उसे नहीं पता था कि बेटी ऐसा कदम उठा लेगी। उसे पता होता तो बेटी की शादी कर देते।

घर से घटनास्थल की दूरी डेढ़ किमी
घटनास्थल की दूरी दोनों के घराें से डेढ़ किमी है। जय चौधरी ने हाथ में आरजे लिखा था। जबिक अंजलि ने बाएं हाथ की कलाई पर अंग्रेजी का जे लिखवाया था। पीएम के बाद दोनों का शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। एक ही श्मशान घाट में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है।



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