12 आर्मी कैंट, 6 एयरबेस और 6 BSF मुख्यालय से एक भी सैनिक अस्पताल में एडमिट नहीं हुआ, एयरफोर्स ने फरवरी में ही लगा दिया था लॉकडाउन

Posted By: Himmat Jaithwar
5/5/2021

देश में जब कोरोना ने हाहाकार मचा रखी थी तब कोरोना से जंग जीतने में सेना का 100:0:100 फॉर्मूला सार्थक हथियार साबित हुआ। दरअसल फरवरी में जब कोरोना की दूसरी लहर की आहट ही हुई थी, तभी हमारी फौज ने कोरोना के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था। जैसे चौकन्ना रहना सेना के काम का हिस्सा है वैसे ही सेना ने शत प्रतिशत प्रोटोकॉल का पालन, शून्य टॉलरेंस और शत प्रतिशत टीकाकरण किया।

इसका परिणाम यह रहा कि पूरे राजस्थान में जब कोरोना का कहर टूटा, तब राजस्थान के ही 24 से ज्यादा आर्मी, एयरफोर्स और बीएसएफ के बेस में एक भी फौजी ऐसा नहीं था जिसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी हो। संक्रमित भी एसिम्टोमैटिक थे, जो छुटि्टयों से लौटे थे। सेना ने ये कैसे हासिल किया और क्या है सेना का 100:0:100 फॉर्मूला? भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट से समझिए...

एयरफोर्स: फरवरी मध्य से ही लगा दिया लॉकडाउन, टीकाकरण मार्च में पूरा किया

जोधपुर एयरफोर्स बेस में 20 फरवरी से बाहर आने पर रोक।
जोधपुर एयरफोर्स बेस में 20 फरवरी से बाहर आने पर रोक।

सूरतगढ़, नाल, फलौदी, जैसलमेर, उत्तरलाई और जोधपुर। राजस्थान में छह बड़े एयरफोर्स एयरबेस।

  • स्टेशन कमांडर को आपात निर्णय का अधिकार।
  • फरवरी के मध्य में दूसरी लहर का अंदेशा होते ही लॉकडाउन लगाया। सिर्फ जरूरी काम के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया।
  • बीते दिसंबर व जनवरी में ही मिड टर्म ब्रेक या छुट्‌टी पर बाहर जाने की रोक।
  • बेस में काम करने वाले स्थानीय सिविल कर्मचारियों के भी अंदर आने पर रोक लगाई।
  • टीकाकरण अनिवार्य किया, दोनों ही डोज मार्च तक ही पूरा कर लिया।
  • ऑफिस में टॉप लेवल के अफसरों के अलावा सभी को वर्क फ्रॉम होम पर भेजा।
  • सीक्रेट होने पर ही ऑफिस में ब्रीफिंग या मीटिंग। इस दौरान एसी बंद, दरवाजे व खिड़की खुले रखकर दूरी से बातचीत।
  • गर्मी लगे तो हाथ पंखा या गत्ता उपयोग करने के निर्देश। सुबह की मीटिंग खुले मैदान में दूर दूर बैठकर।
  • ऑफिस में फ्रिज, वाटर कूलर, बर्फ वाला पानी, कोल्ड ड्रिंक का सेवन बैन किया।

आर्मी: मास्क पहन फूंकने पर मोमबत्ती बुझी तो तुरंत बदलना होता है मास्क

कैंट में सिर्फ जरूरी मीटिंग्स होती हैं, वो भी खुले में।
कैंट में सिर्फ जरूरी मीटिंग्स होती हैं, वो भी खुले में।

जयपुर, जोधपुर, गंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर, पोकरण, कोटा, उदयपुर बड़े कैंट एरिया

  • दूसरी लहर का अंदेशा होते ही 50% से कम स्टाफ की अनुमति।
  • डबल मास्क पहनना जरूरी। सर्जिकल या कपड़े के साथ एन-95। परिवार पर यही लागू।
  • ब्रीफिंग के दौरान नए खतरों व कोरोना प्रोटोकॉल पर चर्चा।
  • पीटी या ट्रेनिंग भी दो गज दूरी से।
  • बाहर से आने वालों को सीधे सात दिन के लिए कोरोंटाइन।
  • मास्क पहने के बाद उसकी जांच। मास्क पहने फूंक देने से मोमबत्ती बुझती है तो तुरंत बदलवाते। मास्क में पानी डालकर चेकिंग, पानी टपकने पर उसे बदलना जरूरी। यानी लीकेज नहीं होगा तो वायरस नहीं जाएगा।
  • सिविल एरिया में जाने पर रोक, घर के अंदर ही रहने का आदेश।
  • कैंटीन से सामान ऑनलाइन

बीएसएफ: बॉर्डर पेट्रोलिंग में भी 6 फीट दूरी जरूरी

फ्रंटियर जोधपुर, गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर उत्तर एवं दक्षिण, बाड़मेर सेक्टर ऑफिस आदि बड़े मुख्यालय।

  • फरवरी से ही डबल मास्क जरूरी। बॉर्डर पर पेट्रोलिंग के दौरान भी न्यूनतम 6 फीट दूरी है जरूरी।
  • एक हजार किमी से लंबे बॉर्डर की रखवाली लेकिन एक भी जवान अस्पताल में नहीं।
  • अभी तक सिर्फ 80 जवान संक्रमित हुए लेकिन सभी एसिम्टोमैटिक। ये सभी छुटि्टयों से लौटे थे।
  • किराना, दूध, सब्जी, फ्रूट की डोर टू डोर सप्लाई।



Log In Your Account