नहीं रहे भारतीय कोचिंग इंडस्ट्री के 'भीष्म पितामह', कोटा को बनाया था एजुकेशन हब

Posted By: Himmat Jaithwar
5/4/2021

नई दिल्लीः गणित के दिग्गज, आईआईटी इंजीनियर और भारतीय कोचिंग इंडस्ट्री के भीष्म पितामह माने जाने वाले विनोद कुमार बंसल का सोमवार को निधन हो गया. विनोद कुमार बंसल एक जेनेटिक बीमारी मस्क्युलर डेस्ट्रॉफी से पीड़ित थे और लंबे समय से इस बीमारी से लड़ रहे थे. बंसल के निधन से छात्रों और कोचिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है. 

लिविंग रूम से शुरू किया था कोचिंग का सफर
झांसी में जन्मे विनोद कुमार बंसल ने आईआईटी- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. उसके बाद वह जेके सिंथेटिक्स नामक कंपनी में नौकरी करने लगे. कुछ साल बाद ही उन्हें पता चला कि वह एक गंभीर जेनेटिक बीमारी मस्क्युलर डेस्ट्रॉफी से पीड़ित हैं. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. यूके के एक डॉक्टर ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें खुद को बिजी रखने की कोशिश करनी चाहिए. डॉक्टर ने सलाह दी कि वह गणित पढ़ाएं, इससे वह बिजी भी रहेंगे और उनका ध्यान बीमारी की तरफ कम जाएगा. इसके बाद विनोद कुमार बंसल ने सबसे पहले अपने घर के लिविंग रूम से अपनी कंपनी के सिक्योरिटी मैनेजर के बेटे को गणित पढ़ाना शुरू किया. बाद में उन्होंने बंसल क्लासेज के नाम से कोचिंग संस्थान शुरू किया, जिसने कोचिंग इंडस्ट्री में अपना अलग मुकाम बनाया. 

कोटा को दिलाई पहचान
विनोद कुमार बंसल ने अपनी बंसल क्लासेज से कोटा को देश की कोचिंग इंडस्ट्री में अहम जगह दिलाई. साल 1985 में बंसल क्लासेज से पढ़े एक छात्र का पहली बार आईआईटी में सलेक्शन हुआ था. उसके बाद बंसल क्लासेज की पहचान बढ़ती चली गई और आज उसे कोटा के प्रमुख कोचिंग संस्थानों में शुमार किया जाता है. विनोद कुमार बंसल जिन्हें लोग 'बंसल सर' के नाम से जानते हैं, उन्होंने अपनी कोचिंग में कई ऐसे प्रयोग किए, जिन्हें बाद में कोटा के सभी कोचिंग संस्थानों ने फॉलो किया. इनमें कोचिंग संस्थानों का फीस स्ट्रक्चर और छात्रों को मेरिट के आधार पर बैच बनाकर पढ़ाना प्रमुख हैं. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बंसल क्लासेज की लोकप्रियता छात्रों में कितनी है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2007-08 में कोटा में जितने छात्रों ने कोचिंग की, उनमें से आधे बंसल क्लासेज में कोचिंग कर रहे थे. 

विनोद कुमार बंसल के परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं. एक बेटा समीर बंसल अभी बंसल क्लासेज का एमडी है. समीर बंसल का कहना है कि कोटा में कोचिंग इंडस्ट्री के आर्किटेक्ट उनके पिता ही थे. 35 साल तक उन्होंने छात्रों के अलावा किसी और चीज के बारे में नहीं सोचा. साथ ही वह बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए भी प्रेरणा थे. वह हमेशा सकारात्मक रहते थे. 

विनोद कुमार बंसल के निधन पर लोकसभा अध्यक्ष और कोटा बूंदी से सांसद ओम बिरला ने दुख जताया है. ओम बिरला ने विनोद कुमार बंसल के निधन को पूरी कोचिंग इंडस्ट्री की क्षति बताया है. विनोद कुमार बंसल के निधन के साथ ही कोचिंग का एक पूरा युग समाप्त हो गया है.    



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