विदेशों से चैरिटी के तौर पर आने वाले कई मेडिकल इक्विपमेंट पर सरकार ने 30 जून तक इंटीग्रेटिड वस्तु एवं सेवा कर (IGST) में छूट दी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विदेशों से कई संस्थाओं और व्यापारियों ने इसके लिए सरकार से अनुरोध किया था। अब विदेशों से आने वाले ऐसे सामान पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जो भारत में चैरिटी के तौर पर फ्री बांटा जाना है। इससे पहले सरकार ने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और इससे संबंधित उपकरणों के आयात पर कस्टम ड्यूटी माफ करने की घोषणा की थी। हालांकि, अभी सरकार ने उन मेडिकल इक्विपमेंट पर कुछ नहीं कहा है, जो कोरोना से लड़ाई में जरूरी हैं और अस्पताल उन्हें विदेशों से मंगवा रहे हैं।
ऑक्सीजन से जुड़े इन सामानों पर छूट
मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन फिलिंग सिस्टम, ऑक्सीजन स्टोरेज टेंक, ऑक्सीजन जनरेटर, ऑक्सीजन कनस्टर, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन के उत्पादन से जुड़ी कोई भी मशीन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, फ्लो मीटर, रेगुलेटर, कनेक्टर और ट्यूब, प्रेशर स्विंग ऑब्जर्पशन (PSA) ऑक्सीजन प्लांट, क्रायोजैनिक ऑक्सीजन एयर सेपरेशन यूनिट्स, शिपिंग के लिए उपयोग होने वाले कंटेरन, इन्फ्लेमेटरी डायग्नोस्टिक किट।
वेंटिलेटर से जुड़े सामान
वेंटिलेटर, वेंटिलेटर में उपयोग होने वाले हेलमेट, ICU में उपयोग होने वाले वेंटिलेटर मास्क
इंजेक्शन और वैक्सीन
कोविड-19 वैक्सीन, रेमडेसिविर इंजेक्शन, रेमडेसिविर के उत्पादन में लगने वाला एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (API), रेमडेसिविर के लिए लगने वाला इंग्रेडिएंट SBEBCD।
एक दिन पहले ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर घटाई थी IGST
सरकार ने पर्सनल इस्तेमाल के लिए आयात किए जाने वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर रविवार को इंटीग्रेटिड वस्तु एवं सेवा कर (IGST) में कटौती की थी। सरकार ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर लगने वाले IGST को 28% से घटाकर 12% कर दिया था। यह घटी हुई दर भी 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।
भूपेघ बघेल ने निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मणा सीतारमण को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लघु एवं मध्यम उद्योगों का संचालन करने वालों के लोन की किस्त भरने से 3 महीने मोहलत देने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि लॉकडाउन के कारण छोटे उद्योगों से जुड़े व्यापारियों को घाटा हो रहा है। ऐसे में इन्हें लोन की किस्तों से कम से कम तीन महीने की राहत मिलनी चाहिए।