यदि आप वाहन मालिक हैं तो यह आपके लिए जरूरी खबर है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 में कुछ बदलाव किए हैं। इन बदलावों के बाद वाहन मालिक वाहन खरीदते समय बैंक खाते या प्रॉपर्टी की तरह अपना नॉमिनी यानी उत्तराधिकारी नियुक्त कर सकते हैं। इससे वाहन मालिक की मौत के बाद वाहन को नॉमिनी के नाम पर ट्रांसफर करने में आसानी होगी। नए नियमों को लेकर मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
क्या बाद में भी नॉमिनी नियुक्त कर सकते हैं?
हां। नए नियमों के मुताबिक, वाहन मालिक रजिस्ट्रेशन के बाद ऑनलाइन आवेदन के जरिए नॉमिनी नियुक्त कर सकता है। अभी तक नॉमिनी नियुक्त करने में काफी दिक्कत होती थी। इसके लिए पूरे देश में अलग-अलग प्रक्रिया थी।
क्या नॉमिनी का कोई पहचान पत्र देना होगा?
नए नियमों के मुताबिक, वाहन मालिक को नॉमिनी नियुक्त करते समय नॉमिनी का पहचान पत्र भी जमा करना होगा। इससे वाहन के ट्रांसफर करते समय नॉमिनी की पहचान में आसानी होगी।
नॉमिनी को कब ट्रांसफर हो सकेगा वाहन?
नोटिफिकेशन के मुताबिक, वाहन मालिक की मृत्यु होने पर 30 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी को सूचना देनी होगी। नॉमिनी को वाहन मालिक की मौत के 3 महीने के भीतर वाहन ट्रांसफर के लिए फॉर्म-31 भरकर जमा करना होगा। इस अवधि के दौरान नॉमिनी वाहन का खुद इस्तेमाल भी कर सकता है।
क्या नॉमिनी को बदला जा सकता है?
हां। नए नियमों के मुताबिक, वाहन मालिक नॉमिनी को किसी भी वक्त बदल सकता है।
बंटवारे पर वाहन ट्रांसफर कैसे होगा?
नए नियमों के मुताबिक, तलाक या बंटवारे की स्थिति में वाहन मालिक अपना नॉमिनी बदल सकेगा। इसके लिए एक सहमत स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के तहत आवेदन करना होगा। इस बदलाव के बाद पूरे देश में वाहन ट्रांसफर की एकसमान प्रक्रिया होगी।
पुरानी प्रक्रिया में क्या दिक्कत थी?
मौजूदा समय में मोटर व्हीकल ओनरशिप के ट्रांसफर की प्रक्रिया काफी बोझिल और पूरे देश में अलग-अलग है। मालिकाना हक के ट्रांसफर के लिए बार-बार ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके अलावा मालिक की मौत की स्थिति में वाहन ट्रांसफर के लिए कानूनी उत्तराधिकारी होने की पहचान का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है।
कब जारी हुआ था बदलाव का मसौदा?
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वाहन ट्रांसफर के लिए नॉमिनी नियुक्त करने संबंधी बदलावों पर ड्राफ्ट मसौदा 27 नवंबर 2020 को जारी किया था। इस पर मंत्रालय ने सभी हितधारकों और आम जनता से सुझाव मांगे थे। सुझावों पर विचार करने के बाद मंत्रालय ने फाइनल नोटिफिकेशन जारी किया है।