देश में पिछले 24 घंटे में साढ़े तीन लाख से ज्यादा कोरोना के केस सामने आए हैं। ये आंकड़ा करीब 50 देशों में एक दिन में मिले केसों से भी ज्यादा है। दूसरी लहर में तेजी से हो रहे संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कोविड टास्क फोर्स के मेंबर्स ने कम्प्लीट लॉकडाउन की मांग की है। इन मेंबर्स में एम्स और इंडियन काउंसल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) शामिल हैं। इस पर केंद्र सरकार सोमवार को फैसला ले सकती है।
सूत्रों ने भास्कर को बताया कि दोनों मेंबर्स एक हफ्ते से ये मांग कर रहे हैं। ICMR का तर्क है कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक आना बाकी है। संस्थान का कहना है कि इन स्थितियों में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए दो हफ्ते का पूर्ण लॉकडाउन जरूरी है।
केंद्र लगा सकता है आंशिक लॉकडाउन
केंद्र ने ICMR और एम्स की राय पर कोई फैसला नहीं लिया है। सूत्र बताते हैं कि 3 मई के बाद केंद्र इस पर फैसला ले सकता है। कहा जा रहा है कि पूर्ण लॉकडाउन नहीं तो आंशिक लॉकडाउन की घोषणा सरकार की ओर से की जा सकती है।
एक्सपर्ट ने कहा- मई में खत्म हो सकती है दूसरी लहर, पर नियम मानने होंगे
अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के डायरेक्टर और वायरोलॉजिस्ट डॉ. शाहिद जमील ने भास्कर से कहा था कि मई के दूसरे हफ्ते में कोरोना की दूसरी लहर का पीक आ सकता है। अभी हम ये नहीं कह सकते हैं कि कितने मामले आएंगे। यह आंकड़ा 5-6 लाख केस रोजाना का भी हो सकता है। दरअसल, ये आंकड़ा लोगों के कोविड को लेकर बरती जा रही सावधानी और उनके व्यवहार पर निर्भर करेगा।
डॉ. जमील मानते हैं कि अगर लोग कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे तो शायद मई के अंत में भी हम दूसरी लहर से उबर सकते हैं, पर अगर लोग इसी तरह नियम तोड़ते रहे तो ये लहर काफी लंबी भी खिंच सकती है।
राज्यों ने लिया लॉकडाउन लगाने का फैसला
अभी दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, ओडिशा में कम्प्लीट लॉकडाउन है। महाराष्ट्र और पंजाब में मिनी लॉकडाउन लागू किया गया है। यूपी में वीकेंड लॉकडाउन किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में भी 7 मई तक जनता कर्फ्यू लगाया गया है।