कोरोना के रिकॉर्ड मामलों के बीच 62 दिन चली चुनाव प्रक्रिया के बाद आज बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के चुनाव नतीजे आ रहे हैं। तीन राज्य बंगाल, केरल और असम में बदलाव नहीं दिख रहा है। यानी बंगाल में तृणमूल, केरल में LDF और असम में भाजपा ही सरकार बनाती दिख रही है, जो पहले से थी। हां, तमिलनाडु में जरूर बदलाव होता दिख रहा है। वहां द्रमुक सरकार बनाने के करीब है। चुनाव में कांग्रेस उसके साथ है। पुड्डुचेरी में मामला जरूर फंसा दिख रहा है।
बंगाल में चार घंटे में ही तृणमूल कांग्रेस 148 सीटों के बहुमत के आंकड़े (292 सीटों के हिसाब से 147) को पार कर 200 से ज्यादा सीटों पर पहुंच गई। हालांकि, यह आंकड़ा 2016 में तृणमूल को मिलीं 211 सीटों से कम है। उधर, नंदीग्राम में ममता बनर्जी भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से 1,500 वोटों से आगे हो गई हैं।
यहां एक जानकारी की बात...1972 से अब तक बीते 49 साल में बंगाल में यह 11वां चुनाव है और जो पार्टी जीत रही है, उसका 200+ सीटों का ट्रेंड बरकरार है। तृणमूल ने 2016 में 211 और 2011 में 228 सीटें जीती थीं। उससे पहले 7 बार लगातार लेफ्ट ने चुनाव जीता। सिर्फ एक बार 2001 में लेफ्ट को 200 से 4 सीटें कम यानी 196 सीटें मिलीं। बाकी चुनावों में लेफ्ट को हमेशा 200 सीटों से ज्यादा सीटें मिलीं।
2001 को छोड़कर बीते 49 साल में हर बार जीतने वाली पार्टी को 200+ सीटें मिलीं
साल |
पार्टी/मोर्चा |
सीटें |
2016 |
टीएमसी |
211 |
2011 |
टीएमसी+कांग्रेस |
228 |
2006 |
लेफ्ट फ्रंट |
233 |
2001 |
लेफ्ट फ्रंट |
196 |
1996 |
लेफ्ट फ्रंट |
203 |
1991 |
लेफ्ट फ्रंट |
245 |
1987 |
लेफ्ट फ्रंट |
251 |
1982 |
लेफ्ट फ्रंट |
238 |
1977 |
लेफ्ट फ्रंट |
231 |
1972 |
लेफ्ट फ्रंट |
216 |
बाकी राज्यों का हाल
अब बाकी राज्यों के हाल जानते हैं। बंगाल के बाद असम के नतीजों पर सबकी नजर है। यहां शुरुआती 2 घंटों के रुझानों में भाजपा+ बहुमत का आंकड़ा पार कर 68 सीटों पर पहुंच गई। उधर, केरल में सत्ताधारी लेफ्ट को आसानी से बहुमत मिलता दिख रहा है। वहीं, तमिलनाडु में अनुमान सही साबित होते दिख रहे हैं। यहां द्रमुक+ शुरुआती दो घंटों के रुझानों में ही बहुमत के 118 सीटों के आंकड़े को पार कर गया। पुडुचेरी में भाजपा+ और कांग्रेस+ में शुरुआत में कांटे का दिखा, लेकिन बाद में भाजपा+ आगे निकल गई।
LIVE अपडेट्स...
1:00 PM- चुनाव आयोग ने कहा- चुनावी जीत का जश्न मनाते दिख रहे लोगों पर FIR दर्ज की जाए।
12:45 PM- टॉलीगंज से केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो 25,000 वोटों से पीछे हुए।
12:43 PM- नंदीग्राम में ममता बनर्जी ने पहली बार भाजपा के शुभेंदु अधिकारी पर 1,500 वोटों की बढ़त बनाई।
12:40 PM- केरल की पलक्कड़ सीट से भाजपा उम्मीदवार मेट्रोमैन ई. श्रीधरन आगे चल रहे हैं।
12:35 PM- बंगाल में तृणमूल 208, भाजपा 80 और कांग्रेस 2 सीटों पर आगे।
12:30 PM- असम में भाजपा+ 78 कांग्रेस+ 46 सीटों पर आगे, पुडुचेरी में भाजपा+ 8 और कांग्रेस+ 3 सीटों पर आगे।
12:25 PM- तमिलनाडु में भाजपा+ 91, कांग्रेस+ 142 पर आगे। केरल में लेफ्ट 92, कांग्रेस 45 सीटों पर आगे।
12:20 PM- नंदीग्राम में छह राउंड के बाद शुभेंदु ने फिर 7,226 वोटों की बढ़त बनाई, ममता पिछड़ीं।
12:00 PM- बंगाल में तृणमूल+ 206, भाजपा+ 83 और कांगेस+ 1 सीटों पर आगे।
11:40 AM- बंगाल में खरदह सीट से तृणमूल की दिवंगत उम्मीदवार काजल सिन्हा आगे। काजल का हाल ही में कोरोना की वजह से निधन हो गया था।
11:30 AM- बंगाल की टॉलीगंज सीट से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो 3,500 वोटों से पीछे।
11:25 AM- सिंगूर सीट पर तृणमूल के बेचाराम मन्ना ने भाजपा के रवींद्रनाथ भट्टाचार्य पर बढ़त बनाई। शिवपुर से तृणमूल उम्मीदवार मनोज तिवारी पीछे।
11:10 AM- असम में भाजपा+ 82 कांग्रेस+ 43 सीटों पर आगे, पुडुचेरी में भाजपा+ 9 और कांग्रेस+5 सीटों पर आगे।
11:00 AM- तमिलनाडु में भाजपा+ 101, कांग्रेस+ 132 पर आगे। केरल में लेफ्ट 90, कांग्रेस 47 सीटों पर आगे।
10:55 AM- भाजपा के बाबुल सुप्रियो, लॉकेट चटर्जी और स्वप्न दासगुप्ता पीछे।
10:55 AM- नंदीग्राम में फासला घटा। अब शुभेंदु अधिकारी 7000 की जगह 4000 वोटों से आगे, ममता बनर्जी पीछे।
10:340 AM- पश्चिम बंगाल में तृणमूल+ 191, भाजपा+ 96 और कांग्रेस 5 सीटों पर आगे।
10:20 AM- असम में भाजपा+ 70 कांग्रेस+ 39 सीटों पर आगे, पुडुचेरी में भाजपा+ 9 और कांग्रेस+5 सीटों पर आगे।
10:15 AM- तमिलनाडु में भाजपा+ 98, कांग्रेस+ 132 पर आगे। केरल में लेफ्ट 89, कांग्रेस 49 सीटों पर आगे।
10:00 AM- नंद्रीग्राम में ममता बनर्जी पीछे। भाजपा के शुभेंदु अधिकारी 7,200 से ज्यादा वोटों से आगे।
9:50 AM- शुरुआती रुझानों में तृणमूल को बहुमत, 161 सीटों, भाजपा 115 पर आगे और कांग्रेस 6 पर आगे।
9:40 AM- नंदीग्राम से भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी से करीब 5000 वोटों से आगे।
9:30 AM- बंगाल की चुंचुड़ा सीट से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी पीछे हो गई हैं। पहले वे आगे चल रही थीं।
9:27 AM- बंगाल के टॉलीगंज से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पीछे हो गए हैं। पहले वे आगे चल रहे थे।
9:15 AM- पश्चिम बंगाल में तृणमूल+ 133 और भाजपा+ 109 और कांग्रेस 6 सीटों पर आगे।
9:00 AM- पुडुचेरी में भाजपा+ 9 और कांग्रेस+ 5 सीटों पर आगे।
8:45 AM- केरल की सभी 140 सीटों के रुझान आना शुरू। लेफ्ट 79, कांग्रेस 59 और भाजपा 2 पर आगे।
8:30 AM- बंगाल की आसनसोल सीट से तृणमूल की सयानी घोष आगे, भाजपा की अग्निमित्रा पॉल पीछे।
8:25 AM- बंगाल की देबरा सीट से भाजपा की भारती घोष आगे, तृणमूल के हुमायूं कबीर पीछे।
8:15 AM- पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में ममता बनर्जी भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से पीछे।
8:05 AM- बंगाल की चुंचुड़ा सीट से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी पीछे हो गई हैं।
1. बंगाल
- कुल सीटें: 294 (वोटिंग 292 सीटों पर हुई)
- बहुमत: 148 (292 सीटों के लिहाज से 147)
- पिछली बार कौन जीता: तृणमूल कांग्रेस
राज्य में 294 में से 292 सीटों पर मतदान हुआ है। भाजपा ने यहां पहली बार 291 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जबकि एक सीट उसने सुदेश महतो की ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी को दी। पिछली बार यहां गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था। इस बार GJM तृणमूल के साथ है। चुनाव से पहले भाजपा ने तृणमूल के कई बड़े नेताओं को तोड़ लिया था, इनमें ममता बनर्जी के करीबी शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं।
29 अप्रैल को आए एग्जिट पोल्स में बंगाल को लेकर एक राय नहीं दिखी। 9 एग्जिट पोल्स में से 5 में ममता बनर्जी की तृणमूल को बहुमत हासिल होता दिख रहा है, या फिर वह बहुमत के काफी करीब है। वहीं 3 पोल्स में भाजपा आगे दिख रही है। हालांकि, सभी पोल्स में तृणमूल को सीटों का नुकसान साफ दिखाई दे रहा है और आसार हंग असेंबली के भी बन सकते हैं।
बंगाल में वोटिंग 1.5% कम हुई, यह तृणमूल के लिए चिंता की बात
जब 2019 के लोकसभा चुनाव हुए थे, तब भाजपा ने बंगाल की 128 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की थी, जबकि तृणमूल की बढ़त घटकर सिर्फ 158 सीटों पर रह गई थी। इस बार कम वोटिंग ने तृणमूल की चिंता बढ़ा दी। इस बार 8 चरणों में औसत 81.59% वोटिंग हुई, जबकि 2016 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 83.02% था। यानी इस बार वोटिंग करीब 1.5% कम हुई है। 1.5% का फर्क काफी सीटों का अंतर पैदा कर सकता है।
क्या कांग्रेस-लेफ्ट बनेंगे किंग-मेकर?
बंगाल का पूरा चुनाव मोदी बनाम दीदी पर केंद्रित रहा है, लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट्स और एग्जिट पोल्स यह भी इशारा कर रहे हैं कि हो सकता है कि कांटे की लड़ाई में तृणमूल और भाजपा दोनों बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाएं। ऐसे में बंगाल में सबसे कमजोर माना जा रहा लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन किंगमेकर की भूमिका में आ सकता है। इसमें पेंच यह है कि लेफ्ट-कांग्रेस कभी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। वहीं, कांग्रेस एक बार तृणमूल के साथ जा सकती है, लेकिन तृणमूल और लेफ्ट एक-दूसरे से धुर विरोधी हैं।
2. असम
- कुल सीटें: 126
- बहुमत: 64
- पिछली बार कौन जीता: भाजपा+
पिछली बार असम में NDA को पहली बार सत्ता हासिल हुई थी, लेकिन 12 सीटें जीतकर भाजपा को सत्ता दिलाने में मदद करने वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने इस बार कांग्रेस और लेफ्ट से हाथ मिलाया। भाजपा के साथ असम गण परिषद बना हुआ है। भाजपा ने UPLL के साथ भी गठबंधन किया। यहां NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स का मुद्दा हावी रहा है। भाजपा जीती तो सीएम सर्बानंद सोनोवाल दोबारा सीएम बनेंगे। अगर भाजपा को हार मिली तो इसे NRC इफेक्ट माना जाएगा। असम में सभी 6 एग्जिट पोल्स में भाजपा गठबंधन को बहुमत मिलता दिखा।
3. तमिलनाडु
- कुल सीटें: 234
- बहुमत: 118
- पिछली बार कौन जीता: अन्नाद्रमुक
यहां पहली बार जयललिता और करुणानिधि के बगैर विधानसभा चुनाव हुए। जयललिता की गैरमौजूदगी में अन्नाद्रमुक के पास सिर्फ सीएम पलानीस्वामी के तौर पर एक चेहरा था। वहीं, द्रमुक का चेहरा करुणानिधि के बेटे स्टालिन हैं। इसी वजह से सभी एग्जिट पोल्स में इस बार द्रमुक की जीत का अनुमान जताया गया था। अन्नाद्रमुक ने इस बार भाजपा के साथ चुनाव लड़ा, जबकि द्रमुक ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया।
4. केरल
- कुल सीटें: 140
- बहुमत: 71
- पिछली बार कौन जीता: LDF
दिलचस्प यह है कि बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर चुनाव लड़ते हैं, जबकि केरल में वे एक-दूसरे के विरोध में रहते हैं। पिछली बार यहां लेफ्ट की अगुआई वाला LDF जीता था। कांग्रेस इसका हिस्सा नहीं है। कांग्रेस की अगुआई वाला UDF यहां विपक्षी गठबंधन है। भाजपा ने इस बार 140 में से 113 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। उधर, भाजपा ने पिछली बार केरल में 1 सीट जीती थी।
5. पुडुचेरी
- कुल सीटें: 30
- बहुमत: 16
- पिछली बार कौन जीता: कांग्रेस+द्रमुक
पुडुचेरी विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है। यहां बीते फरवरी में कांग्रेस की अगुआई वाली सरकार गिर गई थी। वी. नारायणसामी बहुमत साबित नहीं कर सके थे। दो मंत्रियों के भाजपा में शामिल होने और कुछ विधायकों के इस्तीफे के बाद सत्ता उनके हाथ से फिसल गई थी। इस बार 3 एग्जिट पोल्स में भाजपा और AINRC और बाकी 3 पोल्स में कांग्रेस+द्रमुक को बहुमत मिलने के आसार बताए गए।