राजस्थान में तीन विधानसभा सीटों पर सुबह 8 बजे शुरू हुई मतगणना के तीन घंटे बाद स्थिति काफी हद तक साफ होती नजर आ रही है। अब तक कांग्रेस दो सीटों यानी सहाड़ा और सुजानगढ़ पर और भाजपा राजसमंद सीट पर आगे निकलती हुई दिख रही है। भाजपा को सबसे बड़ा धक्का सुजानगढ़ सीट पर लग सकता है जहां वह तीसरे नंबर पर चल रही है। यहां कांग्रेस पहले, आरएलपी दूसरे और भाजपा तीसरे स्थान पर है। सहाड़ा से कांग्रेस एकतरफा जीत की ओर बढ़ रही है, जबकि राजसमंद में दोनों दलों की कड़ी टक्कर में भाजपा की दीप्ति माहेश्वरी आगे निकल गई है। तीनों सीटों पर भाजपा, कांग्रेस के अलावा सांसद हनुमान बेनीवाल की आरएलपी सहित कुल 27 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम से बाहर आने वाला है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि तीनों सीटों के नतीजे कुछ भी रहे। जीतने वाले तीनों प्रत्याशी जश्न न मनाएं, कोविड का ध्यान रखें।
LIVE अपडेट्स...
- राजसमंद में 14वें राउंड के बाद बीजेपी की दीप्ति माहेश्वरी 2185 वोट से आगे। तनसुख बोहरा कांग्रेस को 41907 वोट मिले, जबकि दीप्ति को 44092 वोट मिले।
- सहाड़ा में 10वें राउंड में कांग्रेस की गायत्री देवी 13781 वोट से आगे हैं। उन्हें 29710 वोट मिले, जबकि भाजपा के डॉ. रतन लाल जाट को 15929 और आरएलपी बद्रीलाल जाट को 3396 वोट मिले हैं
- राजसमंद में 12 राउंड के बाद बीजेपी की दीप्ति माहेश्वरी 1859 वोट से आगे। तनसुख बोहरा कांग्रेस को 36776 और दीप्ति माहेश्वरी को 38635 वोट मिले।
- राजसमंद में 11 राउंड के बाद बीजेपी की दीप्ति माहेश्वरी 2502 वोट से आगे। कांग्रेस को 33678 वोट मिले जबकि बीजेपी को 36180 वोट मिले।
- सुजानगढ़ में 6वें राउंड में कांग्रेस के मनोज मेघवाल ने 4222 वोट की बढ़त बना ली है। यहां कांग्रेस को 14852, आरएलपी को 10630 और तीसरे नंबर पर रही। बीजेपी को 8979 वोट मिले हैं। सुजानगढ़ कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मेघवाल कोरोना पाजिटिव हो गए हैं। वे मतगणना केंद्र में नहीं आए हैं।
- सुजानगढ़ में तीसरे राउंड के बाद कांग्रेस के मनोज मेघवाल 3467 वोट से आगे हैं। उन्हें 7324 वोट मिले हैं। यहां दूसरे नंबर पर आरएलपी है। आरएपली को 5614 वोट मिले है। जबकि तीसरे नंबर पर भाजपा को महज 3857 वोट मिले हैं।
- राजसमंद में 6 राउंड के बाद बीजेपी 1550 वोट से आगे है। बीजेपी प्रत्याशी दीप्ति को 19947 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 18397 वोट मिले हैं।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि तीनों सीटों के नतीजे कुछ भी रहे। जीतने वाले तीनों प्रत्याशी जश्न न मनाएं, कोविड का ध्यान रखें।
- राजसमंद में 5 राउंड के बाद बीजेपी की दीप्ति माहेश्वरी 715 वोट से आगे। कांग्रेस के तनसुख बोहरा को मिले 15502 जबकि दीप्ति को 16217 वोट मिले हैं। यहां कड़ी टक्कर चल रही है।
- सुजानगढ़ में कांग्रेस के मनोज मेघवाल 2811 वोटों से आगे। भाजपा यहां तीसरे नंबर पर है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया मूल रूप से चूरू के ही रहने वाले हैं। ऐसे में अगर भाजपा तीसरे नंबर पर रहेगी तो यह उनके लिए बड़ा झटका होगा।
- राजसमंद में बीजेपी को बढ़त। 2896 वोटों से बीजेपी की दीप्ति माहेश्वरी ने बनाई लीड। दूसरे राउंड के बाद कांग्रेस प्रत्याशी को 7724 और भाजपा को 4828 वोट मिले।
- सहाड़ा में भी कांग्रेस आगे। कांग्रेस की गायत्री देवी को 2685 वोट मिले। जबिक भाजपा के रतनलाल को 1686 वोट मिले।
- सुजानगढ़ में पहले राउंड में कांग्रेस 1133 वोटों से आगे है।
भीलवाड़ा में बनाए मतदान केंद्रों पर ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त बेड व क्वारेंटाइन सेंटर।
मतगणना केंद्र पर वेटिलेटर, ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतगणना स्थल के मुख्य प्रवेश द्वार पर अधिक संख्या में व्यक्ति एकत्रित नहीं हों। इसलिए मुख्य द्वार पर 2-3 जगह डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। मतगणना स्थल के प्रत्येक प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है। कोविड को देखते हुए इसके अलावा, मतगणना स्थल पर 2 वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड तथा एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है। ताकि आवश्यकता होने पर उसका तत्काल प्रयोग किया जा सके।
राजसमंद के मतगणना स्थल को सैनेटाइज किया गया।
विधानसभा उपचुनाव में टूटेगा 56 साल का रिकॉर्ड!
राजस्थान निर्वाचन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, प्रदेश में 1965 से लेकर अब तक हुए उपचुनावों में दिवंगत नेताओं के परिवार से टिकट देने पर कोई नहीं जीत पाया। उपचुनाव में अब तक किसी भी पार्टी को सहानुभूति कार्ड का फायदा नहीं मिला है। भाजपा ने इस बार राजसमंद से दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड चला।
वहीं, कांग्रेस ने सुजानगढ़ में दिवंगत विधायक मास्टर भंवरलाल के पुत्र मनोज मेघवाल और सहाड़ा से दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी को मैदान में उतारा है। अब सबकी निगाहें तीजों पर है। चुनावों की ग्राउंड रिपोर्ट से मिले फीडबैक के अनुसार, इस बार सहानुभूति कार्ड चला है और दिवंगत नेताओं के परिवारों के उम्मीदवार जीतते दिख रहे हैं। ऐसे में उपचुनावों में 56 साल से चला आ रहा रिकॉर्ड टूटने के आसार हैं।