दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने महामारी के दौर में अपने ज्यादातर कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दी है। ऐसे में वर्क फ्रॉम होम का ये फैसला उसके लिए आपदा में अवसर की तरह बनकर आया है। इसी कारण कंपनी ने साल भर में करीब 7,400 करोड़ रुपए बचा लिए। गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के मुताबिक पहली तिमाही में प्रमोशन, ट्रैवल और एंटरटेनमेंट का खर्च करीब 1,980 करोड़ और साल भर में 7,400 करोड़ रुपए की बचत हुई है। दरअसल, अल्फाबेट ने इस साल की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2020 में एडवर्टाइजिंग और प्रमोशनल खर्चों में 140 करोड़ डॉलर यानी करीब 10,360 करोड़ रुपए की कमी आई है, क्योंकि महामारी के दौरान खर्च कम हुआ। इसके अलावा कई कैंपेन रीशेड्यूल किए और ज्यादातर आयोजनों को डिजिटल फॉर्मेट में बदल दिया। इससे ट्रैवल और एंटरटेनमेंट का खर्च 2,740 करोड़ रुपए कम हो गया। गूगल को हुई ये बचत हजारों और कर्मचारियों को काम पर रखने में काम आने वाली कई अन्य लागतों की भरपाई करती है।
महामारी के बावजूद कंपनी का रेवेन्यू 34% बढ़ा। महामारी ने कंपनी को पहली तिमाही में अपनी मार्केटिंग और अन्य लागतों को प्रभावी ढंग से कम बनाए रखने में मदद की। हालांकि, गूगल इस साल के अंत में कुछ कर्मचारियों के साथ दोबारा ऑफिस से काम शुरू करने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी हाइब्रिड मॉडल लागू करने की योजना बना रही है।
कैटरिंग, कॉर्पोरेट रीट्रीट जैसे भत्तों का खर्च भी घटा
गूगल कर्मचारियों की देखभाल और सुविधाओं के लिए मशहूर है। यह मसाज टेबल, कैटरेड कूजिन्स और कॉर्पोरेट रिट्रीट जैसे भत्ते तक देती है। इस तरीके ने सिलिकॉन वैली के वर्क कल्चर को काफी प्रभावित किया है। ज्यादातर स्टाफ मार्च 2020 से इन भत्तों के बिना काम कर रहा है। ऐसे में इन पर होने वाला खर्च घट गया है।