वॉशिंगटन। पूरी दुनिया इस वक्त जानलेवा कोरोनावायरस की चपेट में है। इस महामारी से 74 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच आरोप-प्रत्यारोप सामने आ चुके हैं। चीन ने कहा था कि वायरस को अमेरिकी सैनिक वुहान लेकर आए थे। हालांकि, अब अमेरिका रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना के जैविक हथियार होने की बात महज अफवाह है। दुनियाभर में कोरोना से करीब 13 लाख 46 हजार लोग संक्रमित हैं। 2 लाख 78 हजार लोग स्वस्थ भी हुए हैं।
अमेरिका के जॉइंट स्टाफ सर्जन पॉल फेडरिच से सोमवार को पूछा गया- क्या आपके पास ऐसी कोई सूचना है कि कोविड-19 के संक्रमण की वजह कोई जैविक हथियार हो सकती है। इस पर फेडरिच ने इसे महज मनगढ़ंत बातें करार दिया। हमें अभी बीमार लोगों के इलाज पर ध्यान देने की जरूरत है। हालांकि, कोरोना को लेकर एक थ्योरी दुनिया में चल रही है। इसमें कहा जा रहा है कि कोरोनावायरस को चीन या अमेरिका की मिलिट्री लैब ने तैयार किया और यह गलती से वातावरण में लीक हो गया।
चीन का आरोप है- अमेरिकी सेना ने वायरस फैलाया
कोरोनावायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव देखा जा चुका है। पिछले महीने चीन सरकार ने अमेरिका पर आरोप लगाया था कि उसकी वजह से वुहान में कोरोनावायरस फैला। चीन के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी सेना ने वुहान में संक्रमण फैलाया था। इसके बाद से ही यह पूरी दुनिया में फैला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने ट्वीट किया, ‘अमेरिका पारदर्शी रवैया क्यों नहीं अपना रहा? यह भी तो हो सकता है कि कोरोनावायरस अमेरिकी सेना की वजह से वुहान पहुंचा हो।’
ट्रम्प ने कहा था- जिनपिंग ने उन्हें देरी से जानकारी दी
इससे एक दिन पहले अमेरिका ने आरोप लगाया था कि चीन ने कदम उठाने में देर कर दी। इस देरी के चलते ही संक्रमण दूसरे देशों तक फैला। झाओ ने कहा कि अब अमेरिका भी अपना डेटा सार्वजनिक करें। उसे अपने अस्पतालों की जानकारी देनी चाहिए, तैयारियों के बारे में बताना चाहिए, इस मामले में सिर्फ हमसे क्यों सफाई मांगी जा रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी कह चुके हैं कि चीन के राष्ट्रपति ने उन्हें वायरस के बारे में बताने में देरी की है।