भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अलीबाबा की सपोर्ट वाली बिग बॉस्केट में मेजॉरिटी हिस्सेदारी हासिल करने के टाटा संस के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इससे तेजी से बढ़ते ऑनलाइन ग्रॉसरी सेगमेंट में दिग्गजों की लड़ाई में टाटा को अपना पैर जमाने में मदद मिलेगी।
टाटा डिजिटल के जरिए हिस्सेदारी खरीदी जाएगी
टाटा संस की मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी टाटा डिजिटल ने प्राइमरी और सेकेंडरी बाजार से शेयर खरीदने के लिए CCI की मंजूरी मांगी थी। एक अलग ट्रांजेक्शन के माध्यम से टाटा डिजिटल सुपरमार्केट ग्रॉसरी सप्लाई इन्नोवेटिव रिटेल कंसेप्ट को टेक ओवर कर सकती है जो बिग बॉस्केट के ऑनलाइन रिटेल बिजनेस को ऑपरेट करता है। इससे टाटा को थोक और रिटेल दोनों बिजनेस यूनिट्स पर कंट्रोल मिल जाएगा।
9,000 करोड़ रुपए में होगी डील
टाटा समूह ने बिग बॉस्केट में मेजॉरिटी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 9 हजार करोड़ रुपए का सौदा किया था। इसमें से 20-25 करोड़ डॉलर की रकम ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टार्टअप में प्राइमरी कैश के रूप में डाली जाएगी। टाटा डिजिटल अलीबाबा की पूरी हिस्सेदारी खरीद सकता है। अलीबाबा के पास 27.58% हिस्सेदारी है। ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टार्टअप में कुछ अन्य छोटे निवेशकों के भी बाहर निकल जाने की उम्मीद है।
आईपीओ की भी है योजना
इस डील से 2022-23 तक बिग बॉस्केट के आईपीओ लाने की भी योजना बन सकती है। भारत के डिजिटल क्षेत्र में यह ट्रांजेक्शन विलय और अधिग्रहण (मर्जर एंड एक्विजिशन) के सबसे बड़े सौदों में से एक है। टाटा ग्रोफर्स के अलावा रिलायंस के जियो मार्ट, अमेजन और फ्लिपकार्ट के साथ सीधी टक्कर में जा जाएगा। ग्रोफर्स जापान के सॉफ्टबैंक द्वारा समर्थित है।
ग्रॉसरी सेगमेंट में लीडर है बिग बॉस्केट
बिग बॉस्केट वर्तमान में ऑनलाइन ग्रॉसरी सेगमेंट में लीडर है। इसका दावा है कि उसने 1 अरब डॉलर के सालाना रेवेन्यू को पार कर लिया है। हालांकि अमेजन और फ्लिपकार्ट भारत में पहुंच के मामले में कहीं बड़े हैं, लेकिन उनका ऑनलाइन ग्रॉसरी कारोबार अभी भी बिक्री के लिहाज से उतना बड़ा नहीं है। बावजूद इसके वे पिछले दो साल से इस सेगमेंट में पैर जमाने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
2025 तक 850 अरब डॉलर का होगा बाजार
मार्केट रीसर्चर रेडसीर कंसल्टिंग के मुताबिक, 2019 में भारत का ग्रॉसरी मार्केट 600 अरब डॉलर से ज्यादा था। 2025 तक यह 850 अरब डॉलर से ज्यादा हो सकता है। हालांकि, इस मार्केट का बहुत बड़ा हिस्सा अभी भी असंगठित खुदरा विक्रेताओं जैसे कि किराना दुकानों के पास है। यही हकीकत बड़े-बड़े संगठित प्लेयर्स को इस मार्केट में एंट्री करने का अवसर प्रदान कर रही है।
किराने के सेगमेंट में बढ़त हो रही है
यहां तक कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान जब कई राज्य सख्त लॉकडाउन लगाने लगे हैं, ऑनलाइन किराने के सेगमेंट में बढ़त देखने को मिल रही है। क्योंकि अब ग्राहक घर बैठे ही ऑर्डर देना पसंद करते हैं और बाहर निकलने का जोखिम नहीं चाहते। बिग बॉस्केट ने कहा है कि वह फिलहाल पिछले महीने की तुलना में अप्रैल में 23-25% ज्यादा बिक्री कर रही है।
प्रतिद्वंदी ग्रोफर्स ने कहा कि उसे ज्यादा ऑर्डर से मिल रहे हैं और इसे पूरा करने के लिए 2000 से अधिक ऑन-ग्राउंड वर्कर्स को हायर करना पड़ा है। आने वाले महीनों में 7000 और लोगों को हायर करने की योजना है।