सूरत में पहले अस्पताल, फिर श्मशान और अब डेथ सर्टिफिकेट के लिए लग रही लाइन, रोजाना 400 तक आवेदन आ रहे

Posted By: Himmat Jaithwar
4/28/2021

सूरत। अस्पतालों में एडमिट होने के लिए मरीजों की कतार, बॉडी लेने के लिए कतार, अंतिम संस्कार के लिए श्मशान में कतार, इंजेक्शन के लिए कतार और अब डेथ सर्टिफिकेट के लिए भी कतार लगने लगी है। ये हाल गुजरात की डायमंड सिटी सूरत का है, जहां सरकारी आंकड़ों के अनुसार तो कोरोना से रोज 25 से 28 मौंतें हो रही हैं, लेकिन हकीकत सबके सामने है।

शहर के अठवा जोन में डेथ सर्टिफिकेट के लिए रोज सुबह 9:30 बजे से लाइन लग रही है। ऐसे हाल कई जगह देखे जा सकते हैं, लेकिन सिविल अस्पताल अठवा जोन में होने के कारण यहां लगने वाली लाइनें ज्यादा लंबी हैं। डेथ सर्टिफिकेट के फॉर्म देने वाले तुलसी भाई ने बताया कि मंगलवार को 300 से 400 फॉर्म बांटे गए। पिछले कई दिनों से यही हालात हैं।

मौत का रजिस्ट्रेशन 21 दिन में कराने पर कोई पैसा नहीं लगता
जन्म और मृत्यु का पंजीकरण 21 दिनों के अंदर नि:शुल्क होता है। उसके बाद 21 से 30 दिन में 2 रुपए और एक महीने से एक साल में कराने पर 5 रुपए लेट फीस लगती है। इसके साथ ही अधिकारी की अनुमति के साथ एक हलफनामा लगाना होता है। हालांकि, 1 मार्च से 30 जून तक जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र में लेट फीस और हलफनामे से छूट दी गई। शहर के कुछ क्षेत्रों में माइक्रो-कंटेंटमेंट जोन बनाए गए हैं। इस कारण वहां लोगों आवाजाही बंद है। इससे समस्या बढ़ गई है।

कोरोना के कारण मुश्किलें बढ़ी हैं इसलिए 1 मार्च से 30 जून तक जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र में लेट फीस और हलफनामे से छूट दी गई।
कोरोना के कारण मुश्किलें बढ़ी हैं इसलिए 1 मार्च से 30 जून तक जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र में लेट फीस और हलफनामे से छूट दी गई।

सूरत जिले में संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख के पार
सूरत जिले में मंगलवार को कोरोना के 2,269 नए मरीज मिले। इनमें शहर के 1,858 और ग्रामीण इलाकों के 411 मरीज हैं। 24 घंटे में 27 संक्रमितों की मौत हुई, जबकि 1,697 ठीक हुए। जिले में अब तक कुल 1 लाख 8 हजार 774 पॉजिटिव आ चुके हैं। इनमें शहर के 85,108 और ग्रामीण इलाकों में 23,666 मरीज हैं। यहां इस महामारी से अब तक 1,698 लोग जान गंवा चुके हैं। जिले में अब तक 84,661 लोग ठीक हो चुके हैं और 22415 का इलाज चल रहा है।



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