दिल्ली में कोरोना के कारण कोहराम मचा हुआ है। अस्पतालों में बेडों, ऑक्सीजन के आभाव के बाद श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए कई जगह और लड़कियों के कमी से परेशान श्मशान घाटों ने शवों के लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं। कोरोना के कारण लगातार हो रही मौत के बाद श्मशान घाटों पर शव जलाने के लिए भी जगह कम पड़ने लगी है। दिल्ली में श्मशान घाट फुल हो गई है।
पार्कों में शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। हालात यहां तक हो चुकी है कि परिजनों को कोविड और नॉन कोविड शवों को एक साथ लाइन में लगकर संस्कार के लिए बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। दिल्ली में श्मशान घाटों पर संस्कार के लिए शवों की लगी लंबी लाइनें है। हालात यह है कि शवों को जलाने के लिए दो दिनों की वेटिंग मिल रही है।
श्मशान घाटों ने बड़ी संख्या में शवों के आने के बाद गेट को बंद कर दिया है। इसी तरह से आजादपुर स्थित श्मशान घाट गेट बंद कर दिया जिसके शवों को लेकर परिजन गेट पर बैठ गए और गेट से सड़क तक लंबी लाइन लग गई है। दिल्ली में कई जगह शव का अंतिम संस्कार पार्कों में करने का मामला सामने आया है।
इस बीच सराय काले खां के हरे-भरे पार्क में शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा हैं। दिल्ली में तीनों नगर निगम के 9 क्षेत्रों में 21 श्मशान घाट और कब्रिस्तान हैं, लेकिन लगातार बढ़ती मौतों के कारण हर जगह शवों के संस्कार के लिए वेटिंग चल रही है।
पार्क में तैयार हो रहे 50 प्लेटफॉर्म | चिताओं की कमी को देखते हुए सराय काले खां क्षेत्र में कोरोना से जान गंवाने वालों के अंतिम संस्कार के लिए पार्क में अलग से 50 प्लेटफॉर्म तैयार किए जा रहे हैं। जबकि सराय काले खां श्मशान घाट में पहले से कोविड 20 प्लेटफॉर्म थे।
प्लेटफॉर्म तैयार करने वाले ठेकेदार ने कहा, ‘यहां शव इतने आ रहे हैं कि श्मशान घाट छोटा पड़ गया है, इसलिए नये प्लेटफॉर्म तैयार किए जा रहे हैं। यही नहीं, सराय काले खां के इस श्मशान घाट पर लकड़ियों की कमी भी देखने को मिल रही है।