नई दिल्ली। केन्द्र व दिल्ली सरकार के आरोप व प्रत्यारोप के बीच दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर संकट हर रोज और गहराता जा रहा है। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हो रही है। इसी बीच राज्य और केंद्र सरकार के बीच तकरार के बीच केन्द्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने आ गई है।
दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में ऑक्सीजन की कमी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया तो केंद्र ने भी जोरदार पलटवार करते हुए कहा है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के लिए मूल रूप से दिल्ली सरकार जिम्मेदार है।
दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी की वजह राज्य सरकार है क्योंकि उसने ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए न तो ठीक से प्रबंधन नहीं किया बल्कि वह टैंकरों की भी व्यवस्था करने में भी फेल रही है।
इस दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी को आवंटित 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की तुलना में शुक्रवार को उसे 309 मीट्रिक टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन मिली जो शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट का अहम कारण है।
केजरीवाल बोले- ऑक्सीजन का पूरा कोटा नहीं आ रहा दिल्ली
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर अफरा-तफरी मचा मचा हुआ है। इस बीच दिल्ली के सीएम ने कहा कि दिल्ली में 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, हमें केंद्र सरकार से 480 टन ऑक्सीजन आवंटित हुआ है और कल केंद्र सरकार ने 10 टन और आवंटित किया है। अब दिल्ली को 490 टन ऑक्सीजन आवंटित हुआ है, लेकिन अभी ये पूरा आवंटन भी दिल्ली में नहीं आ रहा है।
केजरीवाल ले कहा कि कल 330-335 टन ऑक्सीजन दिल्ली पहुंची है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन के प्रबंधन के लिए हमने एक पोर्टल बनाया है। उत्पादक से लेकर अस्पताल तक सब को हर दो घंटे में अपनी ऑक्सीजन की स्थिति बतानी होगी। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार से काफी सहयोग मिल रहा है, केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर काम कर रही हैं। इसके साथ उन्होंने कहा, ‘हमें कुछ और दिन स्थिति देखनी होगी, मामले घटते हैं या बढ़ते हैं।
बिना वजह ऑक्सीजन की कमी का चेतावनी संदेश न दें: सिसोदिया
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों का आह्वान किया कि वे बिना वजह ऑक्सीजन की कमी को लेकर चेतावनी संदेश नहीं दें। उन्होंने मीडिया से भी खबर प्रकाशित करने से पहले तथ्यों की सत्यता जांचने की अपील की।
दिल्ली में कोविड-19 प्रबंधन के नोडल मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिसोदिया ने कहा कि इस तरह के कदमों से उन अस्पतालों को मदद देने की कोशिश प्रभावित होती है जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है। उन्होंने ट्वीट किया, '' आज सुबह मुझे एक अस्पताल से आपात संदेश मिला कि 18 किलो लीटर ऑक्सीजन का भंडार बचा है।''
मंत्री ने कहा कि अस्पताल की रोजाना की जरूरत 4.8 किलो लीटर थी और उसकी भंडारण क्षमता 21 किलोलीटर है, इसका अभिप्राय है कि अस्पताल के पास तीन दिनों के लिए ऑक्सीजन बचा है। एक अन्य घटना का हवाला देते हुए सिसोदिया ने बताया कि छोटे अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी का हवाला दिया लेकिन बाद में पता चला कि उसके पास 30 सिलेंडर है जिनमें से 20 सिलेंडर का अभी इस्तेमाल किया जाना बाकी है।
उन्होंने कहा, ''मैं अस्पतालों से अनुरोध करता हूं कि वे बिना वजह चेतावनी संदेश नहीं दे। ऐसे कृत्यों से उन अस्पतालों को मदद पहुंचाने की कोशिश प्रभावित होती है जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है।