मुम्बई। सौ करोड़ रुपए की वसूली वाले आरोप पर CBI ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने देर रात मुंबई, नागपुर समेत महाराष्ट्र के 12 ठिकानों पर छापेमारी भी की है। संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए CBI की टीम PPE किट पहनकर यह छापे मार रही है। एक टीम अभी भी उनके मुंबई स्थित सरकारी बंगले में छापेमारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक, अनिल देशमुख फिलहाल नागपुर में हैं और वहां भी एक टीम उनसे पूछताछ कर रही है। CBI इससे पहले पूर्व गृह मंत्री से 11 घंटे की पूछताछ कर चुकी है।
केंद्रीय जांच एजेंसी इसी मामले में देशमुख के दो निजी सचिव, कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे से 10 घंटे की पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, एंटीलिया केस में गिरफ्तार सचिन वझे से पूछताछ हुई है।
अदालत ने 15 दिनों तक कोई भी केस नहीं करने की बात कही थी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई की वकील जयश्री पाटिल की याचिका पर CBI को आरोपों की जांच करके 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हालांकि, CBI ने कोविड का हवाला देते हुए रिपोर्ट नहीं पेश की, लेकिन अब केस दर्ज कर लिया है। अदालत ने अपने आदेश में 15 दिनों के दौरान कोई भी केस नहीं करने की बात कही थी।
हाईकोर्ट ने कहा था कि CBI को तुरंत FIR दर्ज करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए पहले ही एक हाई लेवल कमेटी बना दी है। चीफ जस्टिस दत्ता ने कहा था कि हाई लेवल कमेटी के लिए राज्य सरकार की तरफ से लाया गया प्रस्ताव भरोसा दिलाता है कि इसमें किसी दखल की जरूरत नहीं है।
कोई भी कानून से ऊपर नहीं है: संजय राउत
CBI की छापेमारी पर संजय राउत ने कहा-हाईकोर्ट के आर्डर पर CBI जांच कर रही है और कानून से ऊपर कोई नहीं है। मेरे हिसाब से आज की कार्रवाई पर किसी भी प्रकार का मत व्यक्त करना उचित नहीं है। अनिल देशमुख ने अपनी सफाई CBI के सामने रख दी है। CBI को अपनी प्राथमिक रिपोर्ट अदालत में पेश करनी है, इसके बाद हम देखेंगे कि इसपर क्या करना है। CBI अपना काम कर रही है, हाईकोर्ट अपना काम कर चुकी है और महाविकास अघाड़ी अपना काम करेगी।
देशमुख पर परमबीर ने यह आरोप लगाया था
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने 25 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर अर्जी में देशमुख के खिलाफ CBI जांच की मांग की थी। परमबीर सिंह ने दावा किया था कि देशमुख ने सस्पेंड पुलिस अधिकारी सचिन वझे समेत दूसरे अधिकारियों को बार और रेस्टोरेंट से 100 करोड़ रुपए की वसूली करने को कहा था। इस अर्जी पर हाईकोर्ट ने कहा था कि यह असाधारण मामला है, जिसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
सचिन वझे ने भी देशमुख पर लगाया था वसूली का आरोप
सिर्फ परमबीर सिंह ही नहीं सचिन वझे ने भी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर अवैध वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था।
सचिन वझे ने NIA को दिए बयान में कहा, 'मैंने 6 जून 2020 को दोबारा ड्यूटी ज्वाॅइन की थी। मेरी ड्यूटी की ज्वॉइनिंग से शरद पवार खुश नहीं थे। उन्होंने मुझे दोबारा सस्पेंड करने के लिए कहा। यह बात मुझे खुद अनिल देशमुख ने बताई थी। उन्होंने मुझसे पवार साहब को मनाने के लिए 2 करोड़ रुपए भी मांगे थे। इतनी बड़ी रकम देना मेरे लिए मुमकिन नहीं था। इसके बाद गृह मंत्री ने मुझे इसे बाद में चुकाने को कहा। इसके बाद मेरी पोस्टिंग मुंबई के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में हुई।'
अनिल देशमुख ने 1,600 से ज्यादा पब और बार से वसूली करने को कहा: वझे
वझे ने आगे बताया था, "जनवरी 2021 में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया। तब उनके PA कुंदन भी वहां मौजूद थे। इसी समय मुझसे मुंबई में 1,650 पब, बार मौजूद होने और उनसे हर महीने 3 लाख रुपए के कलेक्शन की बात कही गई। इस पर मैंने गृह मंत्री अनिल देशमुख से कहा कि शहर में 1,650 बार नहीं, सिर्फ 200 बार हैं।"
आगे सचिन वझे ने बताया, "मैंने गृह मंत्री को इस तरह बार से पैसा इकट्ठा करने से भी मना कर दिया था, क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि यह मेरी क्षमता से बाहर की बात है। तब गृह मंत्री के PA कुंदन ने मुझे कहा था कि अगर मैं अपनी जॉब और पोस्ट को बचाना चाहता हूं, तो वही करूं, जो गृह मंत्री कह रहे हैं।"