नई दिल्ली. कोरोनावायरस संक्रमण और इसे रोकने की कोशिशों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है और मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने कहा है कि जी-20 देशों की अर्थव्यवस्था में 2020 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में गिरावट आ सकती है। गिरावट का का यह अनुमान इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जी-20 दुनिया की सबसे बड़ी विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। भारत भी इस समूह का सदस्य है। दुनिया की दो-तिहाई से अधिक आबादी जी-20 अर्थव्यवस्थाओं में रहती है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था को ऐसा झटका लगा है, जैसा पहले कभी देखा नहीं गया
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोनावायरस की महामारी के कारण पड़ने वाले आर्थिक प्रभावों के तहत मांग में गिरावट आई है। आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है। और दुनियाभर में शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 की पहली छमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्था को इतना बड़ा झटका लगा है, जितना पहले कभी देखा नहीं गया।
दूसरी तिमाही में भी रहेंगे खराब हालात
मूडीज ने कहा कि लॉकडाउन और यातायात पर रोक के कारण उपभोक्ता मांग और उत्पादन में गिरावट होने से 2020 की दूसरी छमाही में भी कारोबारी गतिविधियों में भारी गिरावट आएगी। जर्मनी की अर्थव्यवस्था में नई-नई शुरू हुई तेजी भी गायब हो रही है और इसमें वापस गिरावट दर्ज की जा सकती है। दुनिया के अन्य हिस्सों में खराब हालत के कारण चीन की उपभोक्ता मांग में आ रही तेजी की रफ्तार धीमी हो सकती है।
अमेरिका और फ्रांस में बढ़ रही है बेरोजगारी
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और फ्रांस में बेरोजगारी बढ़ रही है, जबकि चीन में बेरोजगारी दर में अब स्थिरता आने लगी है। मूडीज फाइनेंशियल कंडीशन इंडिकेटर्स के मुताबिक अमेरिका में वित्तीय स्थिति खराब बनी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक पूरे जी-20 क्षेत्र में व्यापार घट रहा है। व्यापार घटने और आपूर्ति श्रृंखला खराब होने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर वायरस का दिख रहा नकारात्मक प्रभाव और बढ़ जाएगा।
इन क्षेत्रों पर सबसे बुरा असर पड़ा है
- विमानन सेक्टर
- होटल इंड्रस्ट्री
- ट्रैवल
- वाहन
- कमोडिटी
- निर्यात
- फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन
इन सेक्टरों को विशेष फायदा मिला है
- रिमोट कम्युनिकेशंस
- ऑनलाइन मीडिया एंड रिटेल
- वैक्सिन डेवलपर्स
जी-20 समूह में ये देश शामिल हैं
- भारत
- अमेरिका
- ब्रिटेन
- अर्जेंटीना
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राजील
- कनाडा
- चीन
- फ्रांस
- जर्मनी
- इंडोनेशिया
- इटली
- जापान
- दक्षिण कोरिया
- मेक्सिको
- रूस
- सऊदी अरब
- दक्षिण अफ्रीका
- तुर्की
- यूरापीय संघ