उत्तरप्रदेश में कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर केस में UP पुलिस को क्लीनचिट मिली है। यह क्लीनचिट सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित रिटायर्ड जस्टिस की कमेटी ने दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनकाउंटर केस में UP पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं पाए। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर 19 अगस्त को जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान की अगुआई में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी।
करीब आठ माह की जांच में कमेटी को कोई गवाह नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि विकास दुबे का एनकाउंटर फेक था। जांच कमेटी में पूर्व DGP केएल गुप्ता और हाईकोर्ट के पूर्व जज शशिकांत अग्रवाल भी थे। इसके तीनों सदस्यों के नामों का प्रस्ताव राज्य की योगी सरकार ने दिया था।
क्यों एनकाउंटर पर उठ थे सवाल?
बिकरू शूटआउट केस में तीन दिन में चार और आठ दिन में छह एनकाउंटर हुए। 10 जुलाई 2020 की सुबह कानपुर से 17 किलोमीटर पहले भौंती में गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर किया गया था। इससे पहले 9 जुलाई को उसके करीबी प्रभात झा का कानपुर में और बऊआ दुबे का इटावा में एनकाउंटर हुआ था।
8 जुलाई को विकास का राइट हैंड और शार्प शूटर अमर दुबे हमीरपुर में मारा गया। चारों के एनकाउंटर में लगभग एक जैसी थ्योरी सामने आई कि वे पुलिस पर हमला कर भागने की कोशिश कर रहे थे। इससे पहले विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का 3 जुलाई को ही एनकाउंटर हो गया था।
पुलिस पार्टी पर हमले के एक हफ्ते बाद मुख्य आरोपी विकास दुबे मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हुआ था। लेकिन 24 घंटे के भीतर ही कानपुर के पास उसकी पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी।
क्या है कानपुर शूटआउट
बीते साल 2020 में 2/3 जुलाई की रात कानपुर के बिकरु गांव में विकास दुबे और उसके साथियों ने CO समेत आठ पुलिस वालों को रात के अंधेरे में घात लगाकर मार डाला था। पुलिसकर्मी विकास दुबे को पकड़ने गए थे। पुलिसकर्मियों की हत्या के अगले दिन ही पुलिस ने विकास दुबे के चाचा प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे को मार गिराया था। इस मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे एक हफ्ते बाद मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हुआ था। लेकिन 24 घंटे के भीतर ही कानपुर के पास उसकी पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी।
विकास दुबे को यूपी STF और यूपी पुलिस की टीम उज्जैन से कार के जरिए ला रही थी। यूपी पुलिस के मुताबिक, कानपुर में एंट्री के दौरान तेज बारिश हो रही थी जिससे काफिले की एक गाड़ी पलट गई। गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने पुलिसवालों का हथियार छीना और भागने की कोशिश की। जब पुलिस की ओर से उसे घेरा गया, तो उसने पुलिस पर फायरिंग की कोशिश की। पुलिस ने कहा कि इसके बाद मौजूद जवानों ने आत्मरक्षा के दौरान गोली चलाई और विकास दुबे मारा गया।
कार पलटने के बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की थी, तभी वह मारा गया था।