नई दिल्ली। कोरोना की सुनामी को काबू करने के लिए केंद्र सरकार 30 अप्रैल के आसपास बड़े फैसले लेने की तैयारी में है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 29 अप्रैल को खत्म हो रहे हैं। इसके तुरंत बाद सरकार कुछ ऐसे फैसले लागू करना चाहती है, जिससे कोरोना काबू में आए और अर्थव्यवस्था भी न बिगड़े। इसके लिए पिछले साल के लॉकडाउन के अच्छे-बुरे अनुभवों को समझकर नया मॉडल बनाया जा रहा है।
सरकार की रणनीति यह भी है कि संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाने के लिए चार महीने में करीब 40 करोड़ लोगों को टीके का सुरक्षा कवच मिल जाए और कोई भी फैसला इस अभियान की गति को प्रभावित न कर पाए। ट्रेन और हवाई सेवाओं जुड़े फैसले संबंधित मंत्रालय लेंगे।
2022 की पहली छमाही में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। केंद्र सरकार के सामने देशव्यापी स्तर पर 30 अप्रैल से बड़े फैसले लागू करने की विंडो खुली है। हालात की गंभीरता को देखते हुए इन पर 29 अप्रैल की रात से भी अमल शुरू हो सकता है।
अनलॉक-2 के मॉडल पर अमल की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल 29 जून से शुरू हुए अनलॉक-2 के मॉडल पर फिर से अमल हो सकता है। इनमें अर्थव्यवस्था के पहिए चलाने के लिए आवश्यक गतिविधियों को सख्त गाइडलाइंस के साथ शुरू किया गया था। तमाम गैरजरूरी गतिविधियों पर अंकुश कायम रखा गया था।
इस पूरे अभियान का जिम्मा स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों की टास्क फोर्स को सौंपा जा सकता है। इसकी कमान प्रधानमंत्री कार्यालय के हाथ में होगी। केंद्र सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा, क्योंकि इससे टीकाकरण अभियान और अर्थव्यवस्था के दोनों बड़े लक्ष्य खतरे में पड़ सकते हैं।
स्कूल-कॉलेज से लेकर सिनेमा तक बंद रखे जा सकते हैं
- स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान और कोचिंग संस्थान को ऑनलाइन चलाया जा सकेगा। ऑफलाइन कक्षाएं नहीं होंगी।
- सिनेमा हॉल, जिमनेज्यिम, स्विमिंग पूल, एंन्टरटेन्मेंट पार्क, थियेटर, बार, ऑडिटोरियम और सेमिनार के स्थान आदि बंद रहेंगे।
- सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, अकादमिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य बड़े आयोजनों पर भी कुछ समय तक पाबंदियां लग सकती हैं।
रात के कोरोना कर्फ्यू पर विचार
केंद्र सरकार रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक देशभर में कोरोना कर्फ्यू का प्रावधान ला सकती है। इसमें भी जरूरी गतिविधियों को छूट रहेगी। साथ ही औद्योगिक इकाइयों, नेशनल-स्टेट हाईवे, कार्गो लोडिंग-अनलोडिंग, ट्रेन, बस, विमान से लौट रहे लोगों को मंजिल तक पहुंचाने के लिए ऑटो-टैक्सी चलाने की इजाजत दी जा सकती है। ऐसा ही मॉडल पिछले साल अनलॉक-2 में लागू किया गया था। इस दौरान नए मरीज घटने शुरू हुए थे।