महाराष्ट्र: क्या कभी कोई अपने पिता को इंजेक्शन देकर मारने के लिए कहा सकता हैं. शायद कभी नहीं, लेकिन महाराष्ट्र के चंद्रपुर (Chandrapur) में एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं. चंद्रपुर के वरोरा इलाके में रहने वाले नहर शेट्टी की तबियत खराब हुई. परिवार के लोगों सभी अस्पतालों में चक्कर लगा लिए, जब बेड नहीं मिला तो कहा कि ऐसे रहने से अच्छा है कि उन्हे इंजेक्शन देकर मार दिया जाए.
कोरोना पॉजिटिव पिता को लेकर भटकता रहा बेटा
नरहर शेट्टी की तबियत जब खराब हुई तो परिवार के लोगों ने उन्हे पहले वरोरा इलाके में ही एक हॉस्पिटल में भर्ती कराने की कोशिश की. जब उन्हे वहां किसी हॉस्पिटल में जगह नहीं मिली तो परिवार के लोग उन्हे चंद्रपुर लेकर आए और वहा कई घंटे तक कोशिश करते रहे.
तेलंगाना के अस्पतालों में भी नहीं मिली जगह
चंद्रपुर में भी बात नहीं बनी तो परिवार के लोग इस आस में उन्हें चंद्रपुर से 100 किलोमीटर दूर दूसरे राज्य तेलंगाना लेकर गए कि वहां किसी तरह से उनके लिए किसी हॉस्पिटल में बेड मिल जाएगा और इलाज हो सकेगा. लेकिन वहां भी कुछ ना हो सका और किसी अस्पताल में जगह नहीं मिली.
परिवार ने कहा- इंजेक्शन देकर मार दिया जाए
इसके बाद परिवार के लोग फिर से उन्हे चन्द्रंपुर लेकर आए और सरकारी हॉस्पिटल के पास एंबुलेंस लगाकर खड़े रहे. जब कई घंटे तक इंतजार के बाद भी कुछ नहीं हुआ तो परिवार के लोगों ने कहा कि ऐसे तड़पकर मरने से अच्छा है कि उन्हे इंजेक्शन देकर मार दिया जाए.
कोरोना पॉजिटिव पिता को तड़पते देख बेटे ने लगाई गुहार
नरहर शेट्टी के बेटे सागर ने बताया, 'मेरे पिताजी कोरोना पॉजिटव हुए हैं. पिछले कई घंटे से घूम रहा हूं, लेकिन कहीं पर कोई इलाज नहीं हो रहा है. चंद्रपुर में सरकारी हॉस्पिटल गया, लेकिन वहां पर बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर कुछ भी नहीं मिली. कई हॉस्पिटल में घूमा, लेकिन कहीं पर कोई इलाज नहीं मिला. तेलंगाना से जाकर लौटकर आया. अगर कुछ नहीं हो रहा है तो इन्हें इंजेक्शन देकर मार डालो.'
अब शुरू हो गया है पीड़ित का इलाज
सागर ने बताया, 'फिलहाल कुछ और घंटो की मशक्कत के बाद पिता को हॉस्पिटल मे भर्ती कराया जा सका है और इलाज शुरू हुआ है. हालांकि अभी भी उनकी हालत स्थिर बनी हुई है.'