राजस्थान में कोरोना को काबू करने के लिए तमाम सख्तियां काम नहीं आईं तो सरकार को आखिरकार वीकेंड लॉकडाउन की तरफ बढ़ना पड़ा। गहलोत सरकार ने शुक्रवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। इसका नाम वीकेंड लॉकडाउन दिया है, लेकिन पाबंदियां लॉकडाउन जैसी ही हैं। CM अशोक गहलोत ने देर रात कोरोना कोर ग्रुप के साथ बैठक कर पूरे प्रदेश वीकेंड लॉकडाउन की घोषणा कर दी।
लेकिन वीकेंड लॉकडाउन के दौरान तीन उपचुनाव वाले इलाकों में वोटिंग की छूट रहेगी। इमरजेंसी और पहले से चल रहे नाइट कर्फ्यू में छूट की श्रेणी वाली सेवाओं में फल-सब्जी, दूध, एलपीजी और बैंकिग सेवाओं को भी शामिल किया गया है। इन्हें छोड़ शनिवार-रविवार को पूरे प्रदेश में बाकी सेवाएं बंद रहेंगी।
गहलोत ने लिखा, समय रहते सख्ती नहीं की तो हालात बिगड़ जाएंगे
गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पहले प्रदेश के 17 जिलों में कोरोना के ज्यादा मामले सामने आ रहे थे। कुछ दिनों में सभी जिलों में संक्रमण तेजी से फैला है। अब प्रदेश में कोरोना के 6,658 नए मामले आए हैं और 33 मौतें हुई हैं, इसलिए वीकेंड लॉकडाउन का सख्त फैसला लिया गया है। समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति दूसरे प्रदेशों जैसी विकट बन सकती है। आमजन से अपील है कि पहले की तरह एकजुटता दिखाएं और एक-दूसरे का सहयोग करें।
नई गाइडलाइन भी लागू हो रहीं
कोराेना के मामले बढ़ते देख सरकार ने 14 अप्रैल को ही नई गाइडलाइन जारी की थी। ये शुक्रवार शाम 6 बजे से लागू हो जाएंगी। नई गाइडलाइन में सभी शहरों में शाम 6 बजे से सुबह 5 बजे तक लॉकडाउन लगाने, सभी स्कूल कॉलेज, कोचिंग बंद करने, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 50% ही यात्रियों को बैठाने जैसी पाबंदियां शामिल हैं।
वीकेंड लॉकडाउन में इन्हें छूट रहेगी
- सहाड़ा, राजसमंद और सुजानगढ़ में शनिवार को होने वाली वोटिंग और इससे जुड़ी पूरी प्रक्रिया।
- फल-सब्जी, दूध, एलपीजी और बैंकिंग सेवाएं।
- लगातार प्रोडक्शन वाली फैक्ट्री, नाइट शिफ्ट वाली फैक्ट्री।
- आईटी कंपनियां, केमिस्ट शॉप, जरूरी और इमरजेंसी सेवाओं से जुड़े दफ्तर।
- शादी समारोह, मेडिकल सेवाओं से जुड़े कार्यस्थल, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से आने जाने वाले यात्री।
- माल परिवहन वाले वाहन, लोडिंग अनलोडिंग में लगे लोग, सरकार से अनुमति प्राप्त अन्य लोग।