नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआइ) के पूर्व चीफ रहे रंजीत सिन्हा का आज निधन हो गया है। 1974 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी रंजीत सिन्हा का आज सुबह लगभग 4.30 बजे दिल्ली में देहांत हो गया। रंजीत सिन्हा सीबीआई के महानिदेशक और डीजी आईटीबीपी सहित विभिन्न वरिष्ठ पदों पर रहे थे।
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, रंजीत सिन्हा का कल कोरोना टेस्ट कराया गया था। उनकी कोरोेना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई थी।
रंजीत सिंह 1974 बैच के आईपीएस अफ़सर और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के महानिदेशक रहे हैं। सीबीआई के महानिदेशक का पद संभालने से पूर्व वह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के निदशक थे। 22 नवम्बर 2012 को उन्हें अगले दो सालों के लिए सीबीआई के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले सिंह रेलवे सुरक्षा बल का नेतृत्व और पटना और दिल्ली सीबीआई में वरिष्ठ पदों पर कार्य कर चुके थे।
देश में एएसआइ के अंतर्गत 3693 स्मारक हैं। इनमें से दिल्ली में 174 स्मारक हैं।
Coronavirus in India: दिल्ली के लाल किला और कुतुबमीनार समेत देश के सभी 3693 स्मारक 15 मई तक बंद
यह भी पढ़ें
विवादों से रहा नाता
अपने प्रोफेशनल करियर में रंजीत सिन्हा ने सीबीआई डायरेक्टर, आईटीबीपी डीजी जैसे कई अहम पदों की जिम्मेदारी संभाली थी। रंजीत सिन्हा पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे। सीबीआई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केस भी दर्ज किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने सीबीआई डायरेक्टर के पद पर रहते हुए कोयला आवंटन घोटाले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। 1974 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी सिन्हा की संदिग्ध भूमिका की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था। इस आदेश के तीन महीने बाद सीबीआई ने सिन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
ई484क्यू व एल452आर के साथ होने से वायरस ज्यादा संक्रामक हो जाता है।
COVID-19 New Variant: कोरोना की दूसरी लहर के लिए डबल म्यूटेंट वायरस जिम्मेदार !
आईपीएस अधिकारी रंजीत सिन्हा साल 2012 से 2014 के बीच दो साल के लिए सीबीआई के निदेशक रहे। सीबीआई निदेशक रहते हुए अपने आवास पर कोयला आवंटन के कुछ आरोपियों से कथित मुलाकात से पैदा हुए विवाद के बाद रंजीत सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 2017 में सीबीआई ने रंजीत सिन्हा के खिलाफ कोयला घोटाला मामले में एफआइआर दर्ज की थी। उन पर आरोप लगे थे कि बतौर सीबीआइ प्रमुख उन्होंने कोयला घोटाला जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी।