गांधीनगर. गुजरात हाईकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य की विजय रूपाणी सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि राज्य कोरोना की सुनामी झेल रहा है क्योंकि कोर्ट और केंद्र की सलाहों पर ध्यान नहीं दिया गया. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार के बेड, टेस्टिंग सुविधाओं, मेडिकल ऑक्सीजन और रेमिडिविजिर इंजेक्शन की उपलब्धता पर दिए गए आंकड़ों पर भी संशय जाहिर किया है.
कोर्ट ने कहा- ऐसी आशंका पहले से जाहिर की जा रही थी कि भविष्य में हालात बिगड़ सकते हैं. इस कोर्ट ने फरवरी महीने में कुछ सुझाव दिए थे. हमने आपसे कहा था कि कोरोना समर्पित अस्पताल तैयार करवाएं, पर्याप्त बेड की व्यवस्था की जाए, टेस्टिंग बढ़ाई जाए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
राज्य सरकार ने हमारे सुझावों पर पूरा ध्यान नहीं दिया
कोर्ट ने कहा-ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने हमारे सुझावों पर पूरा ध्यान नहीं दिया. इसी वजह से हम लोगो कोरोना मामलों की सुनामी देख रहे हैं. हालांकि केंद्र ने लगातार राज्यों को इसके बारे में ध्यान दिलाया. लेकिन सरकार ने उतना ध्यान नहीं दिया जितना दिया जाना चाहिए था.एक सप्ताह से शमशानों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है
बता दें कि गुजरात में बीते एक सप्ताह से शमशानों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है, जिसके चलते कोविड-19 या अन्य रोगों के कारण जान गंवाने वाले लोगों के संबंधियों को उनके अंतिम संस्कार के लिये घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि हिंदू धर्म में आमतौर पर सूरज ढलने के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता, लेकिन इन दिनों शमशानों में शवों की भारी संख्या के चलते लोगों को रात में भी अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है.