पेट्रोल-डीजल पर वैट वसूलकर राज्य सरकारें भी करती हैं मोटी कमाई, 2019-20 में इससे हुई 20 लाख करोड़ की कमाई

Posted By: Himmat Jaithwar
4/11/2021

देश में पेट्रोल-डीजल के दामों को कम करने की मांग होने लगी है। शनिवार को राजस्थान के पेट्रोल-डीजल पंप संचालकों ने पंप बंद रखकर वैट (राज्य सरकार द्वारा वसूला जाने वाला टैक्स) कम कर ने की मांग की। पेट्रोल-डीजल पर वैट वसूलने के मामले में मणिपुर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और असम आगे हैं। देश के कई शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपए और डीजल के 90 रुपए प्रति लीटर के पार निकल गए हैं।

मणिपुर में वैट सबसे ज्यादा, लक्षद्वीप में वैट नहीं
वैट वसूलने के मामले में मणिपुर सबसे आगे हो गया है। यहां पेट्रोल पर 36.50% और डीजल पर 22.50% टैक्स वसूला जा रहा है। बड़े राज्यों में तमिलनाडु में वैट कम है। यहां पेट्रोल पर 15% और डीजल पर 11% टैक्स वसूला जाता है। लेकिन पेंच यह है कि यहां वैट के साथ पेट्रोल पर 13.02 रुपए और डीजल पर 9.62 रुपए प्रति लीटर सेस (उपकर) भी वसूला जाता है। ज्यादातर राज्य सेस वसूल रहे हैं। लक्षद्वीप एक मात्र ऐसा राज्य है जहां वैट नहीं लिया जाता है।

राजस्थान में पेट्रोल पर 36% और मध्य प्रदेश में 33% वैट

राज्य पेट्रोल (%) डीजल (%)
राजस्थान 36.00 26.00
मध्य प्रदेश 33.00 23.00
दिल्ली 30.00 16.75
बिहार 26.00 19.00
हरियाणा 25.00 16.40
छत्तीसगढ़ 25.00 25.00
महाराष्ट्र 25.00 21.00
हिमाचल प्रदेश 25.00 14.00
पंजाब 24.79 15.94
चंडीगढ़ 22.45 14.00

​​​​​​2019-20 में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की वैट से हुई सबसे ज्यादा कमाई
वैट से कमाई के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे है। ​​​​​​2019-20 में वैट के जरिए राज्य सरकार को 26,791 करोड़ रुपए कर कमाई हुई। इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर आता है उसने 20,112 करोड़ रुपए की कमाई की।

ये राज्य वैट से कमाई के मामले में रहे आगे

राज्य कमाई (करोड़ रु. में)
महाराष्ट्र 26,791
उत्तर प्रदेश 20,112
तमिलनाडु 18,175
कर्नाटक 15,381
गुजरात 15,337
राजस्थान 13,319
मध्य प्रदेश 10,720
आंध्र प्रदेश 10,168
तेलंगाना 10,045
केरल 8,074

राज्यों को मिलने वाला वैट 5 साल में 43% बढ़ा
राज्यों को पेट्रोल-डीजल पर वैट लगाने से होने वाली कमाई 5 साल में 43% बढ़ी है। वित्त वर्ष 2014-15 में इससे होने वाली कमाई 1.37 लाख करोड़ थी जो 2019-20 में बढ़कर 2 लाख करोड़ पर पहुंच गई। कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में वैट से 78 हजार करोड़ की कमाई हुई है।

5 साल में राज्यों की वैट से कमाई

साल कमाई (करोड़ रु. में)
2014-15 1.37 लाख
2015-16 1.42 लाख
2016-17 1.66 लाख
2017-18 1.85 लाख
2018-19 20.12 लाख
2019-20 20.00 लाख

केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल पर वसूलती हैं भारी टैक्स
पेट्रोल का बेस प्राइज अभी 33 रुपए और डीजल का बेस प्राइज 34 रुपए के करीब है। इस पर केंद्र सरकार 33 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं, जिसके बाद इनका दाम बेस प्राइज से 3 गुना तक बढ़ गया है।



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