12 अप्रैल को है साल की पहली सोमवती अमावस्या, जानें इसका महत्व

Posted By: Himmat Jaithwar
4/8/2021

कानपुर। हिंदू कैलेण्डर में नए चन्द्रमा के दिन को अमावस्या कहते हैं। यह महत्वपूर्ण दिन होता है क्योंकि कई धार्मिक कृत्य केवल अमावस्या तिथि के दिन ही किए जाते हैं। यूं तो हर महीने अमावस्या की तिथि पड़ती है लेकिन जो सोमवार को पड़ती है तो उसका महत्व और प्रभाव बढ़ जाता है। इसे सोमवती अमावस्या के नाम से पुकारा जाता है। दृक पंचांग के मुताबिक 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पड़ रही है। यह साल की पहली सोमवती अमावस्या है।

कालसर्प दोष निवारण के लिए उपयुक्त है यह तिथि

पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए अमावस्या के सभी दिन श्राद्ध की रस्मों को करने के लिए उपयुक्त हैं। कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने के लिए भी अमावस्या का दिन उपयुक्त होता है। अमावस्या को अमावस या अमावसी के नाम से भी जाना जाता है। अमावस्या के दिन, भक्त भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय, और नंदी की पूजा करते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस दिन, भक्तों को पौधे और पेड़ लगाना चाहिए।

पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं

संतान की इच्छा रखने वाले दंपत्ति इस दिन व्रत का पालन कर सकते हैं जो लोग सभी अमावस्या के दिन व्रत नहीं रख सकते, वे सोमवती अमावस्या पर व्रत रख सकते हैं। यह भी कहा जाता है कि जो महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं, उनका कल्याण होता है और उनके पति का जीवन बढ़ता है। सोमवती अमावस्या के दिन किए गए दान पुण्य करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन दान और स्नान से घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है।



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