मुम्बई। एंटीलिया और मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को कई नए सबूत मिले हैं। ये सबूत निलंबित पुलिस अफसर सचिन वझे के वसूली के कारोबार से जुड़े हैं। NIA के मुताबिक, वसूली के कारोबार में पुलिस और प्रशासन के कुछ टॉप अफसर भी शामिल थे। वझे ने इन अफसरों को पेमेंट किया था और इस भुगतान के दस्तावेज NIA को मिले हैं। गिरगांव स्थित एक क्लब पर छापे के दौरान ये सबूत NIA के हाथ लगे।
इन दस्तावेजों में बताया गया है कि किस डिपार्टमेंट और अफसर को एक महीने में वझे ने कितना पेमेंट किया था। हर नाम के सामने पेमेंट की रकम लिखी हुई है। कई पेमेंट करोड़ों में हैं। NIA के मुताबिक, ये रिश्वत की रकम हो सकती है। इन अफसरों में दो निरीक्षक, एक पुलिस उपायुक्त और एक डिप्टी कमिश्नर लेवल का पूर्व अधिकारी भी शामिल है। इनमें से तीन से पूछताछ भी की जा चुकी है।
CBI और ED को सबूत सौंप सकती है NIA
NIA इन दस्तावेजों को ED, CBI और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से साझा कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, जिस क्लब से दस्तावेज बरामद किए गए हैं, उसके मालिक को भी बुलाया गया है। वझे से जुड़े कुछ अफसरों से भी जवाब मांगा गया है।
जांच में सामने आया है कि क्लब में वझे का अक्सर आना-जाना था। वझे के कहने पर नरेश गौर और पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे को यहां नौकरी भी दी गई थी। दोनों मनसुख हिरेन की हत्या मामले में गिरफ्तार हैं और फिलहाल NIA की कस्टडी में हैं।
शिंदे के पास था भांडुप और मुलुंड इलाके की वसूली का जिम्मा
NIA को जो 'एक्सटॉर्शन डायरी' और मोबाइल मिला है। उससे पता चलता है कि वझे ने शिंदे को भांडुप, मुलुंड के 32 क्लब, बार और लॉज से अवैध वसूली का जिम्मा सौंपा था। हर वसूली पर शिंदे का कमीशन बंधा हुआ था। वझे ऐसे लोगों से भी वसूली करता था, जिनके खिलाफ मुंबई क्राइम ब्रांच में कम्प्लेंट आई थीं।