चुनाव आयोग की ओर से शुक्रवार दोपहर 4.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। मुमकिन है कि इसमें 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाए। ये राज्य पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी है। इनमें से सिर्फ असम में अभी BJP की सरकार है।
चुनावी राज्यों में सियासी सरगर्मियां काफी पहले से शुरू हो गई हैं। सिर्फ चुनाव की तारीखें आने का इंतजार किया जा रहा था।
पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटों पर होगा चुनाव
प्रदेश में अभी तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। 2016 के चुनाव में TMC को 211 सीटें मिली थीं। लेफ्ट और कांग्रेस का गठबंधन 76 सीटें जीतने में कामयाब रहा था। इस बार राज्य में पूरी ताक झोंक रही भाजपा महज 3 सीटें निकाल पाई थी। अन्य के खाते में 4 सीटें आई थीं।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 42 से में 28 सीटें जीती थीं। इसलिए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया है। इस बार का चुनाव TMC बनाम BJP हो गया है।
असम में 126 सीटों पर चुनाव
पिछली बार यानी 2016 में यहां भाजपा की सरकार बनी थी। उसे 86 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 26 और एआईयूडीएफ को 13 सीटें मिली थीं। अन्य के पास 1 सीट थी।
तमिलनाडु में 234 विधानसभा सीटें
यहां 134 सीटें जीतकर AIDMK गठबंधन ने सरकार बनाई थी। डीएमके और कांग्रेस गठबंधन को 98 सीटें मिली थीं।
केरल में 140 सीटों पर लड़ाई
देश में लेफ्ट के आखिरी गढ़ बने केरल में 140 सीटों पर चुनाव होने हैं। यहां लेफ्ट पार्टियों और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है। लेफ्ट की 91 और कांग्रेस की 47 हैं। भाजपा और अन्य के खाते में 1-1 सीट है।
पुडुचेरी में 30 विधानसभा सीटें
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 30 सीटें हैं। यहां विधानसभा में 3 नामित सदस्य होते हैं। यहां अब तक कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार थी, लेकिन पिछले हफ्ते ही कई विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी। इससे सरकार अल्पमत में आ गई। CM नारायणसामी को इस्तीफा देना पड़ा। अभी यहां राष्ट्रपति शासन लागू है।
2016 में कांग्रेस ने यहां 19 सीटें जीतीं थीं। AINRC, AIADMK ने 4-4 सीटें जीतीं थीं। भाजपा के 3 नामित सदस्य थे। पिछले हफ्ते कांग्रेस के 7 सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया। इससे यहां सरकार के पास केवल 12 विधायक बचे और फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस बहुमत साबित नहीं कर पाई।