बॉलीवुड की हसीन अभिनेत्री मधुबाला की (23 फरवरी) को 52वीं पुण्यतिथि है। मधुबाला हिन्दी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्रियों में से एक थीं। मधुबाला की अभिनय प्रतिभा, व्यक्तित्व और खूबसूरती को देख यही कहा जाता है कि वह भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे महान अभिनेत्री हैं।
खुशमिजाज नायिका थीं मधुबाला
‘वीनस’ के नाम से मशहूर मधुबाला हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे खूबसूरत और खुशमिजाज नायिकाओं में से एक थीं। उन्हें ज्यादातर मुस्कुराते हुए ही देखा गया। हालांकि, यह अलग बात है कि उन्होंने अपने स्वभाव के विपरीत कई फिल्मों में बेहद गंभीर और दुख भरी भूमिकाएं भी बखूबी निभाईं।
मुस्कुराहट के चलते निर्माता-निर्देशक होते थे परेशान
मधुबाला से जुड़ी एक और बड़ी ही मजेदार बात है और वो ये कि उनकी वक्त-बेवक्त हंसी के चलते कई फिल्म मेकर्स को कई बार परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था। एक बार ऐसी ही परेशानी का सामना प्रोड्यूसर-डायरेक्टर के. आसिफ को 1960 में बनी अपनी फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ के निर्माण के दौरान करना पड़ा था।
इस बात को तो ज्यादातर लोग जानते हैं कि फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में मधुबाला ने अनारकली की गंभीर भूमिका निभाई थी। हां, इस फिल्म से जुड़ी यह बात कमी ही लोग जानते होंगे कि मधुबाला की हंसी की वजह से फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ की शूटिंग 7 दिनों तक नहीं हो पाई थी।
फिल्म में एक सीन था, जिसमें शहंशाह अकबर (पृथ्वीराज कपूर), उनकी पत्नी महारानी जोधाबाई (दुर्गा खोटे) और सलीम (दिलीप कुमार) के सामने अनारकली (मधुबाला) खड़ी थी। इस सीन में मधुबाला को बेबस और लाचारी वाले हाव-भाव लाने थे, लेकिन इस सीन में वह बार-बार हंस देती थी और बाद में फिल्म की शूटिंग को स्थगित करना पड़ता था। यह सिलसिला एक या दो नहीं, बल्कि 7 दिनों तक चला। 23 फरवरी 1969 को महज 36 साल की उम्र में जन्मजात दिल की बीमारी (Congenital heart disease) से उनकी मौत हो गई थी।