कोरबा । बाल्को के ग्रीन एनोड प्लांट में हुई मजदूर की मौत के मामले में पुलिस ने बाल्को के अधिकारी और सेफ्टी इंचार्ज पर अपराध पंजीबद्ध किया है। करीब छह माह पहले यह घटना हुई, जांच में पुलिस ने कार्य के दौरान लापरवाही बरतना पाया।
14 फरवरी को बाल्को के ग्रीन एनोड प्लांट में कार्य के दौरान जोगियाडेरा बाल्कोनगर निवासी अगस राम साहू 55 वर्ष की मौत हो गई थी। पुलिस मर्ग कायम कर जांच कर रही थी। इस दौरान पुलिस ने घटनास्थल पर मौजूद कई मजदूरों का बयान दर्ज किया और गवाह बनाया। जांच में स्पष्ट हुआ कि प्लांट में बिना परमिट अगस राम से काम कराया जा रहा था। बाल्को इंजीनियर हिमांशु शर्मा ने अगसराम को पीएंडएफ एरिया में आयल डालने के लिए भेजा था। इसके लिए परमिट नहीं मिलने की वजह से इलेक्ट्रानिक सप्लाई को बंद नहीं दिया गया था। जांच के बाद पुलिस को बाल्को अधिकारी व सुरक्षा इंचार्ज पर जानबूझकर की गई गलती के कारण मजदूर अगस राम की मौत होना पाया गया। अगसराम लगभग 10 साल से प्लांट में ठेका कंपनी के अधीन काम करता था। मामले में पुलिस ने अधिकारी और सेफ्टी इंचार्ज के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है।चोरी करने घुसा था, नींद खुलने पर वृद्धा का सिर कुचलकर की हत्या
हरदीबाजार पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम धतुरा में कलाबाई 60 अकेले निवास करती थी, उसका पुत्र अलग रहता था। बुधवार की शाम कलाबाई का पुत्र मनीष कुमार राठौर घर पहुंचा और दरवाजा खटखटाया तो उसकी मां ने दरवाजा नहीं खोला। इस पर पीछे के रास्ते घर के अंदर प्रवेश किया और देखा कि मां का शव बिस्तर में पड़ा है सिर में चोट के निशान है, समीप ही रक्त रंजित लोढ़ा पड़ा हैा मनीष ने इसकी सूचना आसपास के लोगों के साथ ही पुलिस को दी। हत्या की सूचना मिलते ही हरदीबाजार पुलिस स्थल पहुंची और जांच शुरू की। सुराग मिलने पर पुलिस ने पवन कुमार कौशिक 26 निवासी धतुरा बस्तीपारा को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इस दौरान उसने अपराध करना स्वीकार कर लिया। आरोपित ने पुलिस को बताया कि 13 सितंबर की रात घर में चोरी कर रहा था, तभी कला बाई की नींद खुल गई और उसने उसे देख लिया। इस पर पवन ने उसका मुंह दबाकर बिस्तर पर गिरा दिया और पास में रखे सिलबट्टा के लोढ़ा से सिर और माथा पर वार कर दिया। गंभीर चोट लगने पर स्थल पर ही कलाबाई की मौत हो गई। पुलिस ने पवन की निशादेही पर घटना में प्रयुक्त लोढ़ा व घटना के समय पहने गए कपड़े जब्त किए हैं। धारा 302 के तहत आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया।