बाबा महाकाल के भक्तों के लिए खुशखबरी है। कोरोना काल से महाकालेश्वर मंदिर में तड़के चार बजे होने वाली भस्मारती में श्रद्धालुओं के शामिल होने पर लगी रोक अगले हफ्ते से हटने जा रही है। इसके संकेत कलेक्टर आशीष सिंह ने दिए हैं।
हालांकि उन्होंने तारीख नहीं बताई, लेकिन अगले हफ्ते से भस्मारती में श्रद्धालुओं को प्रवेश देने का इशारा किया है। महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती कभी बंद नहीं हुई। वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार कोरोना काल में भी पुजारी तड़के चार बजे भस्मारती करते रहे हैं। बस इसमें श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।
भाजपा विधायकों की बैठक के चलते निर्णय लेना पड़ा
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि भस्मारती में श्रद्धालुओं को प्रवेश महाशिवरात्रि के बाद से देने की तैयारी थी, लेकिन 12 फरवरी से उज्जैन में होने जा रहे भाजपा विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग को देखते हुए अधिकारियों को फैसला बदलना पड़ा। सूत्रों का कहना है कि प्रशिक्षण वर्ग में आने वाले विधायकों को भस्मारती में शामिल करने का सरकार का दबाव है। यही कारण है कि वर्ग शुरू होने से पहले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर लगी रोक हटाई जा सकती है।
जिम्मेदारी तय कर दी गई
हाल में प्रशासनिक अधिकारियों, महाकाल मंदिर प्रबंध समिति और भाजपा व आरएसएस के पदाधिकारियों की गोपनीय बैठक हुई थी। इसमें तय हुआ कि सरकार की मंशा है कि प्रशिक्षण वर्ग में आने वाले भाजपा विधायकों को भस्मारती दिखाई जाए। इसके लिए भाजपा व आरएसएस कार्यकर्ताओं के बीच जिम्मेदारी भी बांट दी गई है।
भस्मारती में रोज कितने श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा, बुकिंग ऑनलाइन होगी या काउंटर से सब कुछ तय हो चुका है, लेकिन आधिकारिक रूप से न तो प्रशासन के अधिकारी और न ही मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार हैं।