चैन्नई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन दिन के तमिलनाडु दौरे पर थे। राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और राहुल की नजर यहां अपनी पार्टी की खोई जमीन वापस हासिल करने पर है। इसके लिए वे एक महीने में दूसरी बार तमिलनाडु के दौरे पर गए। इस दौरान वे जल्लीकट्टू में शामिल हुए, रोड शो निकाला और अलग-अलग समुदाय के लोगों से बात की। इस बीच उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे बिरयानी बनाने में गांववालों की मदद कर रहे हैं। इस वीडियो को अब तक 68 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
लगभग 14 मिनट का यह वीडियो शुक्रवार को अपलोड किया गया है। इसमें कुछ लोग बिरयानी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। तभी राहुल गांधी वहां पहुंचते हैं। वे उन लोगों से बात करते हैं। राहुल के साथ एक ट्रांसलेटर भी हैं। वह गांव वालों से बात करने में राहुल की मदद कर रही हैं। इसी बीच राहुल गांववालों को बिरयानी बनाने में मदद की पेशकश करते हैं। वे उनके साथ घुलने-मिलने के लिए तमिल में कुछ शब्द भी बोलते हैं। राहुल ने केले के पत्ते पर गांववालों के साथ बिरयानी खाई और ठहाके भी लगाए।
गांववालों को अमेरिका में कुकिंग के लिए भेजेंगे राहुल
इसके बाद सभी बैठकर बातें करते दिखते हैं। राहुल उनसे पूछते हैं कि वे आगे क्या करना चाहते हैं। इस पर एक ग्रामीण कहता है कि हम कुकिंग के लिए विदेश भी जाना चाहते हैं। इस पर राहुल कहते हैं कि अमेरिका में मेरे एक अच्छे दोस्त रहते हैं। मैं उनसे कहूंगा कि वे आपको वहां बुलाएं और कुकिंग का मौका दें। राहुल ने कहा कि इस बारे में वो सैम पित्रोदा को बताएंगे। राजीव गांधी के करीबी रहे सैम पित्रोदा पूर्व PM मनमोहन सिंह के सलाहकार बनाए गए थे।
चुनाव अभियान की शुरुआत की
राहुल गांधी ने 23 जनवरी को प्रदेश में पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत की थी। इस दौरान उनके निशाने पर मोदी सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रहे। वे लगातार केंद्र सरकार की नीतियों पर हमलावर हैं।
1967 में तमिलनाडु की सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस कभी वापसी नहीं कर पाई है। 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ 8 सीटें आई थीं। इस बार कांग्रेस के DMK के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की अटकलें हैं।
तमिलनाडु में भाजपा-अन्नाद्रमुक फिर साथ
तमिलनाडु में भाजपा ने अन्नाद्रमुक (AIADMK) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। हालांकि, दोनों पार्टियों के बीच अभी सीटों के बंटवारे पर फैसला नहीं हुआ है। इससे पहले दोनों पार्टियों ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी साथ लड़ा था। तब राज्य में सरकार चला रही अन्नाद्रमुक सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज कर सकी थी। भाजपा खाता भी नहीं खोल सकी थी।