भोपाल। मप्र में बैंकों के विलय के बाद ग्राहकों की शिकायतें 1800% तक बढ़ गई हैं। राजधानी में ज्यादातर ग्राहक उन बैंक शाखाओं के बंद होने से परेशान हैं जिनमें उनके खाते थे। बैंकों ने उन खातों को पास की किसी दूसरी बैंक में ट्रांसफर कर दिया है।
जहां बैंक खाता नंबर और शाखा का द इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड (आईएफएससी) बदल दिया गया है। पुराने बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड किसी अन्य वित्तीय संस्था से लिए गए ऑटो और होम लोन खाते में दर्ज हैं। इसी आधार पर घर की मासिक किश्त कटती थी।
इनके बदल जाने से कई लोगों होम लोन की किश्तें बाउंस हो चुकी हैं। बैंक शाखा बंद होने से सबसे ज्यादा परेशान बुजुर्ग पेंशनर हैं। ज्यादातर पेंशनर एटीएम की जगह खुद बैंक जाकर पेंशन का पैसा निकालते हैं।
बैंक अधिकारियों की माने तो पीएनबी, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कैनरा बैंक में मिल चुकीं 8 सरकारी क्षेत्र की बैंकों की अकेले भोपाल में ही करीब 40 से अधिक शाखाएं दूसरी बैंकों में मिला दी गईं हैं। इन बैंकों के खाताधारकों की संख्या करीब करीब 20 हजार बताई जा रही है।
हालांकि पुनर्गठन के बाद बने नए बैंक समूह के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर ग्राहकों को पुराने के साथ नए बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड दिए गए हैं। वे दोनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन ग्राहकों का कहना है कि इस सुविधा के बाद भी उनकी बैंकिंग सुविधाएं पहले जैसे नहीं रहीं। वे वित्तीय लेनदेन में कई बाधाओं से जूझ रहे हैं।
यूनियन लंबे समय से विलय के बाद होने वाली संभावित परेशानियों से अवगत कराती रही है। लेकिन बैंकों के प्रबंधन और सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसी कारण इस तरह की परेशानियां आ रहीं हैं। कई ब्रांच बंद हो गई हैं। इनके ग्राहक यहां वहां परेशान होते फिर रहे हैं।
-वीके शर्मा, महासचिव, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू)
31 मार्च तक समस्याएं दूर होने की उम्मीद
बैंक शाखाओं के काम को व्यवस्थित करने के प्रयास हो रहे हैं। ग्राहकों को सुविधाएं देने के लिए कई ग्राहक सेवा केंद्र खोले गए हैं। ऐसी उम्मीद है कि 31 मार्च तक कई दिक्कतों का समाधान हो जाएगा।
-शैलेंद्र श्रीवास्तव, लीड बैंक मैनेजर, भोपाल जिला
इस तरह की आ रहीं शिकायतें
- अवधपुरी, टीटी नगर और एमपी नगर में दर्जनों बैंक की शाखाएं बंद हो गईं हैं। इन बैंकों में खाताधारकों को पैसा निकालने में खासी परेशानी हो रही है। लोन की ईएमआई कटने में भी दिक्कतें आ रही है।
- सिंडीकेट बैंक समेत सभी विलित की गई बैंकों के विभिन्न बीमा कंपनियों के साथ टाई अप थे। यह खत्म हो गए। अब बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी और यूनियन बैंक ग्राहकों से अपने टाईअप वाली बीमा कंपनियों ने पॉलिसी लेने को कह रहे हैं। इससे प्रीमियम 150% तक बढ़ गया है।
- बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड बदल चुके हैं। अपडेट न करने वाले ग्राहकों की ईएमआई नहीं कट रही है।