राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में फिलहाल तेज ठंड से राहत मिल गई है, लेकिन क्रिसमस के बाद फिर से तेज ठंड का एक दौर आएगा। असल में, एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में जम्मू-कश्मीर पर सक्रिय है, इसके प्रभाव से MP में भी हवाओं का रुख बदलने लगा है। तेज धूप से सर्दी के तेवर ठंडे पड़ गए हैं, लेकिन बुधवार को भी पचमढ़ी में पारा सबसे कम 3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं राजधानी में न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री रहा। रविवार को 6.6 डिग्री के बाद पारे में 3 डिग्री की उछाल आई है।
MP में दो दिन पहले गुनगुनी लगने वाली धूप अब दोपहर के समय चुभने सी लगी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार से हवा का रुख फिर उत्तरी होने की संभावना है। इससे एक बार फिर न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट होने लगेगी और वातावरण में सिहरन बढ़ेगी। लगातार दो दिन से दिन और रात के तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी दर्ज की जाने लगी है। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि वर्तमान में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में जम्मू-कश्मीर पर सक्रिय है। इसके प्रभाव से हवाओं का रुख बदलने लगा है।
13 दिन बाद सामान्य से ज्यादा रहा दिन का तापमान
राजधानी भोपाल में दिन का तापमान 13 दिन बाद सामान्य से ज्यादा हो सका। मंगलवार को यह 27.1 डिग्री दर्ज किया गया। जो सामान्य से 1 डिग्री ज्यादा रहा। सोमवार के मुकाबले इसमें 1.4 डिग्री का इजाफा हुआ। इससे पहले 10 दिसंबर को 30.3 सामान्य से 3 डिग्री अधिक था। प्रदेश में पचमढ़ी 3 डिग्री के बाद रीवा में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। साथ ही केवल चार शहरों में पारा 3-5 डिग्री के आसपास रहा।
क्रिसमस के आसपास और बढ़ेगी ठंड
मौसम वैज्ञानिक एवं ड्यूटी ऑफिसर पीके साहा ने बताया कि अभी भले ही दिन में तेज ठंड से राहत मिल गई हो, लेकिन क्रिसमस के आसपास दिन और रात के तापमान में 2 या 3 डिग्री तक गिरावट होने के आसार हैं। 26 दिसंबर को एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ रहा है। इस वजह से 27-28 तारीख तक तापमान सामान्य से कम ही रह सकते हैं। 31 तारीख के आसपास दिन और रात का तापमान बढ़ सकता है।
मौसम विज्ञानी साहा के मुताबिक, 24 के बाद 26 दिसंबर को भी नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में दाखिल होने के आसार है, लेकिन इन सिस्टम की आवृति कमजोर दिख रही है। इस वजह से उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी तो होगी, लेकिन इन सिस्टम के कारण कोई प्रेरित चक्रवात या प्रति-चक्रवात बनने की संभावना कम है। इससे हवा का रुख उत्तरी ही बना रहने की संभावना अधिक है। मौसम भी शुष्क बना रहने से तापमान में उतार-चढ़ाव दिसंबर के अंत तक बना रह सकता है।