इंदौर। उपचुनावों वाली 28 विधानसभा सीटों पर राज्य सरकार के खिलाफ लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकालने वाले नामदेव दास त्यागी (कम्प्यूटर बाबा) के खिलाफ जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। रविवार अलसुबह कम्प्यूटर बाबा के गोम्मट गिरी स्थित आश्रम को जमींदोज कर दिया गया। इसके साथ ही बाबा को भी प्रीवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
एयरपोर्ट रोड पर ग्राम जम्बूडी हप्सी में आने वाले बाबा के आश्रम पर कार्रवाई के लिए एडीएम अजयदेव शर्मा, नगर निगम के अमले और भारी पुलिसबल के साथ कार्रवाई करने पहुंचे थे। यहां पर कब्जे को लेकर प्रशासन ने दो माह पहले ही नोटिस जारी किया था। जिसमें गौशाला की 46 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया था। इसमें से 2 एकड़ जमीन पर पक्का निर्माण कर आश्रम बनाया गया था। उन्हें नोटिस देकर दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया था। हालांकि बाबा की ओर से कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए थे। जिसके बाद प्रशासन ने इसे कब्जा करार देते हुए तोड़ने के आदेश जारी कर दिए थे।
साथ ही कब्जेधारी पर 2 हजार रुपए का अर्थदंड लगाते हुए कब्जा खाली करने के लिए कहा था। लेकिन कब्जा खाली नहीं होने पर प्रशासन का अमला रविवार को यहां कार्रवाई करने पहुंचा था। कार्रवाई के पहले विवाद की आशंका के चलते बाबा और उनके चार अन्य सहयोगियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद नगर निगम के अमले ने पहले यहां से सारा सामान खाली किया और उसके बाद पोकलेन मशीनों की मदद से पूरा आश्रम जमींदोज कर दिया गया।
विधायक ने किया विरोध
इस कार्रवाई के साथ ही राजनीति भी शुरू हो गई। क्षेत्रीय विधायक विशाल पटेल ने इसका विरोध किया है। विधायक पटेल का आरोप है कि आश्रम जिस मंदिर में हैं वो कलोता समाज का है। इस पर कार्रवाई के खिलाफ कलोता समाज सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगा।
भाजपा-कांग्रेस दोनों सरकारों में मिला राज्यमंत्री का दर्जा
कम्प्यूटर बाबा ने नर्मदा नदी के किनारे पौधारोपण में हुए कथित घोटाले के खिलाफ मार्च 2018 में यात्रा निकालने की घोषणा की थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने प्रदेश में पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए एक कमेटी बनाई थी, जिसमें कम्प्यूटर बाबा को भी शामिल किया गया था और उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। इसके बाद बनी कांग्रेस सरकार में भी बाबा को राज्य सरकार ने नर्मदा विकास के लिए समिति बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। यही नहीं लोकसभा चुनावों के समय भी कम्प्यूटर बाबा ने भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञासिंह का विरोध किया था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजयसिंह के समर्थन में एक मिर्ची यज्ञ भी किया था।
28 विधानसभाओं में साधुओं के साथ पहुंचे थे
उपचुनावों के दौरान भी कम्प्यूटर बाबा ने भाजपा के खिलाफ प्रचार किया था। मार्च में कांग्रेस विधायकों के भाजपा में शामिल होने की घटना को उन्होंने लोकतंत्र की हत्या करार दिया था। अपने साथी साधुओं के साथ उपचुनावों के पहले इन सभी विधानसभाओं में लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकालते हुए इस्तीफा देने वाले विधायकों के खिलाफ प्रचार किया था।