ग्वालियर नगर निगम ने शहर सीवर में बहने वाले गंदे पानी को साफ कर उपयाेग करना शुरू कर दिया है। जलालपुर में स्थापित 145 एमएलडी (14.50 करोड़ लीटर) क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से सीवर के गंदे पानी को साफ कर स्वर्ण रेखा में छाेड़ा जा रहा है। अभी राेज 30 एमएलडी (3 करोड़ लीटर) साफ पानी स्वर्ण रेखा में छाेड़ा जा रहा है। जैसे-जैसे प्लांट में गंदे पानी की मात्रा बढ़ेगी, उसे साफ कर ज्यादा पानी किसानों को खेती के लिए दिया जाएगा।
अभी किसान सीवरयुक्त पानी में सब्जियों की खेती करते हैं। इससे स्वास्थ्य काे खतरा है लेकिन भरपूर साफ पानी मिलने पर ये समस्या पूरी तरह खत्म हाे जाएगी। गाैरतलब है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीते 11-12 सितंबर को जलालपुर और लालटिपाला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण किया था। इसके बाद पानी का ट्रीटमेंट करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। जलालपुर में इसका परिणाम आने लगा है, जबकि लालटिपारा से पानी साफ कर मुरार नदी में छाेड़ने में अभी एक महीना लगेगा।
जहां साफ पानी छाेड़ रहे, वहां पहले से बह रहा गंदा पानी
स्वर्ण रेखा में फूलबाग गुरुद्वारा के पास से लगातार गंदा बह रहा है। अमृत प्रोजेक्ट में इस पर काम करना था, लेकिन निगम के अफसर काम शुरू नहीं करा सके। यही कारण है कि जलालपुर एसटीपी के पास स्वर्ण रेखा में उस जगह पर गंदा पानी बह रहा है, जहां पर ट्रीटमेंट कर साफ पानी छोड़ा जा रहा है। जानकारों को कहना है कि स्वर्ण रेखा में पीछे से आ रहे गंदे पानी रोकना पड़ेगा तभी साफ पानी का सही उपयोग हो पाएगा।
इधर... बैजाताल काे फिर से किया खाली
बैजाताल काे भरने के लिए एक एमएलडी क्षमता का सीवर ट्रीटमेेंट प्लांट लगाया गया है। हाल में इसके पानी में काई जम गई। इस कारण निगम को इसे खाली करना पड़ा। जबकि पिछली दीपावली पर बैजाताल में बोटिंग शुरू की गई थी। इस बार कोरोना के कारण बंद बाेटिंग अभी तक चालू नहीं की गई।
सीवर लाइन का काम होने पर दूर हो जाएगी समस्या
जलालपुर एसटीपी से सीवर के पानी का ट्रीटमेंट कर स्वर्ण रेखा में छोड़ा जाने लगा है। हनुमान बांध से गुरुद्वारे तक सीवर लाइन का काम होना है। उसके होने पर स्वर्ण रेखा में सिर्फ ड्रेनेज का पानी रह जाएगा। इसके मिलने से पानी में कोई नुकसान नहीं होगा।